चावल और गेहूं भारतीय कृषि के इतिहास में महत्वपूर्ण मील के पत्थर, जानें किसने दिया था इनको बढ़ावा

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भारत में सबसे ज्यादा खाने वाले अनाज चावल और गेहूं है। हम आपको बताएंगे की चावल – गेहूं की खेती की शुरुआत किसने की थी और कब की थी।

चावल की खेती का प्रारंभ भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग 8000 साल पहले हुआ था। प्राचीन समय में लोगों का प्रमुख आहार अनाज और खद्य पदार्थों पर आधारित था, जिनमें चावल भी शामिल था। चीन से भारत आने वाले मगध राजवंश ने चावल की खेती को बढ़ावा दिया और उसका उत्पादन बढ़ाया।

गेहूं की खेती का प्रारंभ भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग 6000 साल पहले हुआ था। हड़प्पा सभ्यता जैसी प्राचीन सभ्यताएं भी गेहूं की खेती का प्रचलन करती थीं। वैदिक काल में गेहूं भारतीय सभ्यता का महत्वपूर्ण आहार था और इसका उपयोग भगवान की पूजा और यज्ञों में भी होता था।

मुग़ल सम्राट अकबर के शासनकाल में भारत में चावल और गेहूं की खेती में सुधार किए गए और उनके शासनकाल में कृषि को प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने कृषि विज्ञान में नवाचार किए और खेती को मॉडर्न तकनीकों से आधुनिकीकृत किया। आजकल, चावल और गेहूं भारतीय खाद्य संस्कृति के महत्वपूर्ण हिस्से हैं और इनका उत्पादन और खेती देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।