शुक्र 1 अगस्त 2025 को आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। वैदिक ज्योतिष में शुक्र को भौतिक सुख-सुविधा, प्रेम, सौंदर्य, कला और विलासिता का प्रतीक माना जाता है। जब शुक्र मिथुन राशि के साथ-साथ आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो इसका प्रभाव विशेष रूप से बौद्धिक और संचार कौशल से जुड़ी गतिविधियों पर पड़ता है।
आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी राहु हैं, जो तेजी से बदलाव और मानसिक ऊर्जा को दर्शाते हैं। इस खास खगोलीय बदलाव का असर सभी राशियों पर अलग-अलग पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियों के लिए यह गोचर विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
आइए जानते हैं किन राशियों को इसका सबसे अधिक फायदा होगा…
मिथुन राशि
शुक्र का गोचर मिथुन राशि वालों के लिए विशेष फलदायी साबित हो सकता है क्योंकि यह लग्न भाव को प्रभावित करेगा। इस समय आपके व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ेगा और आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी। संचार कौशल में नयापन आएगा, जिससे आप सामाजिक और पेशेवर क्षेत्र में नई पहचान बना सकते हैं। इस दौरान आपकी रचनात्मकता चरम पर होगी और बौद्धिक क्षमताओं का भरपूर लाभ उठाकर आप नए अवसरों को पकड़ने में सफल हो सकते हैं।
सिंह राशि
इस गोचर का प्रभाव सिंह राशि के जातकों के लिए 11वें भाव पर पड़ेगा, जो कि लाभ और सामाजिक नेटवर्क से जुड़ा होता है। इस अवधि में आपके सामाजिक संबंध मजबूत होंगे और आप लोगों के बीच अधिक लोकप्रिय हो सकते हैं। पुराने संपर्कों से लाभ मिलने के योग हैं। नौकरीपेशा लोगों को वेतन वृद्धि या प्रमोशन के अवसर मिल सकते हैं, जबकि कारोबारी वर्ग को नए साझेदार या परियोजनाएं मिल सकती हैं।
तुला राशि
तुला राशि के स्वामी स्वयं शुक्र हैं, इसलिए शुक्र का यह गोचर आपके लिए विशेष रूप से शुभ रहेगा। नवम भाव पर इसका प्रभाव आपको भाग्य का साथ देगा। धार्मिक और आध्यात्मिक रुचियों में वृद्धि होगी। विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं, जो भविष्य के लिए लाभदायक साबित होंगी। नौकरी और करियर में प्रगति के नए द्वार खुलेंगे और कार्यस्थल पर मान-सम्मान मिलेगा। वैवाहिक और प्रेम संबंधों में भी मिठास आएगी।
वृश्चिक राशि
शुक्र का गोचर वृश्चिक राशि के अष्टम भाव को सक्रिय करेगा, जो कि रहस्य, परिवर्तन और गुप्त धन से जुड़ा होता है। इस गोचर के दौरान आपको अचानक धन लाभ हो सकता है जैसे बीमा, विरासत या पुराने निवेश से। गूढ़ विषयों में रुचि रखने वाले लोगों के लिए यह समय अत्यंत लाभकारी है, खासकर शोध, लेखन या ज्योतिष से जुड़े क्षेत्रों में। रिश्तों में भावनात्मक गहराई आएगी, लेकिन अत्यधिक भावुकता से बचना होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से गुप्त रोगों और डायबिटीज़ जैसी समस्याओं से सतर्क रहना चाहिए। मानसिक संतुलन के लिए ध्यान और योग अत्यंत उपयोगी रहेंगे।
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