हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। यह समय साधना, उपवास और भक्ति के लिए सबसे शुभ माना जाता है। सावन के हर सोमवार को भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है, लेकिन अंतिम सोमवार का महत्व और भी अधिक होता है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी को प्रसन्न करने के लिए व्रत, जलाभिषेक और दान जैसे कार्य किए जाएं तो जीवन में नई ऊर्जा, सकारात्मकता और मनचाहा फल प्राप्त होता है।
अगर आप भी चाहते हैं कि आपके जीवन की बाधाएं दूर हों और सौभाग्य का द्वार खुले, तो सावन सोमवार के आखिरी दिन कुछ विशेष वस्तुओं का दान करना अत्यंत पुण्यदायी होता है।
सावन के अंतिम सोमवार पर इन वस्तुओं के दान से बदलेगा भाग्य
दूध, दही और घी
सावन के अंतिम सोमवार को दूध, दही और घी का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। ये तीनों वस्तुएं शुद्ध और सात्विक तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो तन और मन दोनों को शुद्ध करने वाले माने जाते हैं। इन्हें किसी मंदिर में चढ़ाना, गरीबों या ब्राह्मणों को दान करना आर्थिक समृद्धि का मार्ग खोलता है। साथ ही इससे मानसिक शांति मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
काले तिल और सफेद वस्त्र
काले तिल का संबंध शनि ग्रह और कर्मों से माना जाता है। इसे सावन सोमवार के दिन दान करने से जीवन में मौजूद नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही शनि दोष से राहत मिलती है। वहीं, सफेद वस्त्रों का दान शांति, पवित्रता और सादगी का प्रतीक होता है। इन्हें शिव मंदिर या किसी ज़रूरतमंद को दान देने से पापों का क्षय होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
शिवलिंग पर जलाभिषेक और बेलपत्र
सावन सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा, भस्म आदि चढ़ाना अत्यंत पुण्यदायी होता है। खासकर अंतिम सोमवार को जलाभिषेक से सभी प्रकार के दोष शांत होते हैं और रुके हुए कार्यों में गति मिलती है। बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होते हैं, इनका चढ़ावा आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है। यह कार्य न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि जीवन की दिशा भी बदल सकता है।
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