अगर हथेली में है राजयोग वाली यह रेखा तो रातों रात चमकेगी किस्मत, नहीं होती धन-वैभव की कमी

हथेली की लकीरों में योग तभी बन पाता है, जब हाथ में मंगल पर्वत थोड़ा सा उभरा हुआ हो। सिर्फ यही नहीं मस्तिष्क रेखा और भाग्य रेखा का भी पूरी तरह से बन पाना भी राजयोग के लिए आवश्यक माना गया है।

Kalash Tiwary
Kalash Tiwary
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अगर हथेली में है राजयोग वाली यह रेखा तो रातों रात चमकेगी किस्मत, नहीं होती धन-वैभव की कमी

Palmistry Rajyog : हमारे हाथों की लकीरों में कई ऐसी बातें छिपी होती है, जिसे बहुत कम लोग समझ पाते हैं। इंसान की हथेली पर ही उसकी तकदीर लिखी होती है। हथेली की लकीरों पर हमारे कई राज निर्मित होते हैं, जिसे पहचान जाना मुश्किल है।

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हर कोई चाहता है कि वह अपनी लकीरों को पढ़ सके और अपनी जिंदगी का आकलन कर सके पर ऐसा संभव नहीं है। बता दे कि हस्त रेखा में एक ऐसी लकीर का विकल्प मिलता है, जिससे इंसान बेहद लकी साबित हो सकता है। दरअसल यह लकीर ना सिर्फ तकदीर बदल सकती है बल्कि हर एक इच्छा की पूर्ति भी करा सकती है। जिससे आप दुनिया पर राज कर सकते हैं।

नहीं होती धन-धान्य की कोई कमी 

हस्तलेखा शास्त्र से हम अपनी जिंदगी में हथेलियां की लकीरों को लेकर आकलन करते हैं और योग और राजयोग के बारे में जानते हैं। बहुत लोगों के मन में सवाल होता होगा कि आखिर यह राजयोग क्या होता है? जैसा की नाम से समझ में आ रहा है राज यानी राजा की तरह। जिन लोगों की हथेली में राजयोग वाली लकीर होती है। ऐसे लोगों को राजा की तरह जीवन व्यतीत करना होता है। यह लोग हर तरह की सुख सुविधा का आनंद लेते हैं। धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती। इसके साथ ही यह लोग काफी निडर और साहसी भी माने जाते हैं। काम में इन्हें सफलता प्राप्त होती है। जिस भी क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं, उस पर बड़े पद पर पहुंच जाते हैं।

हालांकि हथेली की लकीरों में योग तभी बन पाता है, जब हाथ में मंगल पर्वत थोड़ा सा उभरा हुआ हो। सिर्फ यही नहीं मस्तिष्क रेखा और भाग्य रेखा का भी पूरी तरह से बन पाना भी राजयोग के लिए आवश्यक माना गया है। कई बार कई लोगों के हाथ की लकीरें छोटी है या फिर आड़ी तिरछी होती है। ऐसे में अगर मस्तिष्क और भाग्य में कोई भी रेखा सीधी नहीं हो तो व्यक्ति राजयोग से वंचित हो जाता है।

गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण

जुलाई महीने में भी गई राजयोग निर्मित होने वाले हैं। दरअसल कई लोगों की हथेली में गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होता है। यह योग तब बनता है जब मणिबंध से कोई रेखा निकले और वह सीधे शनि पर्वत तक मिलती है। अगर साथ में सूर्य पर्वत भी उभरा हो तो गज लक्ष्मी योग आसानी से बन जाता है। इस योग के होने से व्यक्ति के जीवन में धन की परिपूर्णता देखी जाती है। लक्ष्मी की कमी नहीं होती। इसके साथ यह लोग बहुत धनी देखे गए हैं। मेहनत और लगन से यह लोग आगे बढ़ते हैं।

Note : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।