नाग पंचमी आज 29 जुलाई 2025 को यह त्यौहार मनाया जा रहा है। यह दिन हिंदू धर्म में बेहद विशेष और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सभी भक्त नाग देवता की पूजा पाठ करते हैं और बहुत ही विधि पूर्वक उनकी स्तुति करते हैं। नाग देवता की पूजा पाठ करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। आज के दिन नाग देवता को अर्पित करने के लिए दूध का इस्तेमाल किया जाता है।
नाग देवता की पूजा करने के लिए आज घी और खीर के अलावा कई मीठे पदार्थ का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा आज के दिन कई प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन नाग पंचमी पर इस कथा का पाठ करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाग पंचमी की कथा का करें पाठ
पुराणों में भी इस कथा का जिक्र किया गया है जिसमें कहा गया है कि नाग पंचमी से जुड़ी एक कथा है जिसमें बताया गया है कि सुमंतु मुनि ने राजा शतानीक को इस पावन पर्व के महत्व के बारे में जानकारी दी थी। इसमें यह भी बताया गया है कि नाग पंचमी को नागलोक में एक भव्य उत्सव भी मनाया जाता है और जो भी व्यक्ति नागों को गाय के दूध से श्रद्धा पूर्वक स्नान करवाते हैं उनके कुल को सर्प का भय नहीं रहता है।
नाग पंचमी से जुड़ा प्रसंग
नाग पंचमी से जुड़ा एक बहुत की पूर्ण प्रसंग है। जिसमें कहां गया है कि राजा जन्मेजय ने अपने पिता के मृत्यु के बाद उनका बदला लेने के लिए एक नाग यज्ञ करवाया था। जिसमें कई विकराल नागों की आहुति दी गई और ऐसे में एक आस्तिक नामक ब्राह्मण ने आकर यह यज्ञ रोक दिया और नागों के कुल की रक्षा की और यह घटना श्रावण शुक्ल पक्ष में की तिथि को हुई थी इसीलिए इस दिन नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है।
कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति
नाग पंचमी के दिन इस कथा का जो भी श्रद्धा पूर्वक पाठ करता है और जो भी भक्त नाग देवता का विधि पूर्वक पूजन करता है उनको गाय के दूध से स्नान करवाता है और कथा का पाठ करता है उसको कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता को गाय के दूध से नहलाना बेहद शुभ माना जाता है किसी भी परिवार का सदस्य नाग देवता पर गाय का दूध चढ़ाता है उसे कभी सर्प का भय नहीं रहता है।