Navratri 2025 : जानें कहां-कहां गिरे थे माता सती के अंग? यहां देखें 52 शक्तिपीठों की जानकारी

Navratri 2025 : 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। हिंदू धर्म में इस नवरात्रि का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं साल भर में चार नवरात्र आते हैं, जिनमें दो गुप्त और दो बड़े होते हैं।

Raj Rathore
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Navratri 2025 : 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। हिंदू धर्म में इस नवरात्रि का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं साल भर में चार नवरात्र आते हैं, जिनमें दो गुप्त और दो बड़े होते हैं। चैत्र नवरात्रि बड़ी नवरात्रि में से एक है। आज हम आपको नवरात्रि के पवन मौके पर जहां-जहां माता सती के अंग गिरे थे, जिसे अब शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है उन प्रसिद्ध और पवन मंदिरों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं देवी के प्रसिद्ध 52 शक्तिपीठ कहां-कहां मौजूद है उसके बारे में विस्तार से –

क्यों बने 52 शक्तिपीठ

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने माता सती से सबसे पहले शादी की थी। लेकिन सती के पिता राजा दक्ष इससे नाराज थे। उनकी मर्जी के बिना भोलेनाथ से विवाह सती ने किया था। इसके बाद राजा दक्ष ने एक बड़े यज्ञ का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने अपनी बेटी और दामाद को नहीं बुलाया था, लेकिन उनकी बेटी बिन बुलाए इस यज्ञ में आ गई थी, जबकि भोलेनाथ ने उन्हें वहां जाने से मना किया था लेकिन वह नहीं मानी।

ऐसे में सती के पिता ने भोलेनाथ का अपमान कर उन्हें खूब अपशब्द सुनाएं जिसके बाद माता सती का क्रोध बढ़ गया वह पिता के मुंह से अपने पति का अपमान नहीं सहन कर पाई जिसके बाद सती ने उस पवित्र यज्ञ की अग्नि में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए। जिसे भोलेनाथ भी सहन नहीं कर पाए और उन्होंने तांडव मचा दिए। पूरे भ्रमण में प्रलय मच गया। इस प्रलय को रोकने के लिए भगवान विष्णु ने माता सती के शरीर के टुकड़े सुदर्शन चक्र से कर दिए। जिसके बाद वो टुकड़े 52 अलग-अलग जगहों पर जा गिरे। जो आज शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध है।

यहां मौजूद है 52 शक्तिपीठ

मणिकर्णिका घाट

माता ललिता देवी शक्तिपीठ

रामगिरी

वृंदावन उमा शक्तिपीठ

देवी पाटन मंदिर

हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ

शोणदेव नर्मता शक्तिपीठ

नैना देवी मंदिर

ज्वाला जी शक्तिपीठ

त्रिपुरमालिनी माता शक्तिपीठ

अमरनाथ महामाया शक्तिपीठ

हरियाणा सावित्री का शक्तिपीठ

मणिबंध गायत्री शक्तिपीठ

बिरात अंबिका शक्तिपीठ

अंबाजी मंदिर

चंद्रभागा शक्तिपीठ

भ्रामरी शक्तिपीठ

शक्तिपीठ त्रिपुरा

देवी कपालिनी शक्तिपीठबंगाल देवी कुमारी शक्तिपीठ

मुर्शीदाबाद शक्तिपीठ

जलपाइगुड़ी शक्तिपीठ

बहुला देवी शक्तिपीठ

मंगल चंद्रिका माता शक्तिपीठ

पश्चिम बंगाल महिषमर्दिनी शक्तिपीठ

नलहाटी शक्तिपीठ

फुल्लारा देवी शक्तिपीठ

नंदीपुर शक्तिपीठ

युगाधा शक्तिपीठ

कलिका देवी शक्तिपीठ

कांची देवगर्भ शक्तिपीठ

भद्रकाली शक्तिपीठ

शुचि शक्तिपीठ

विमला देवी शक्तिपीठ

सर्वशैल रामहेंद्री शक्तिपीठ

श्रीशैलम शक्तिपीठ

कर्नाट शक्तिपीठ

कामाख्या शक्तपीठ

मां भद्रकाली देवीकूप मंदिर

चट्टल भवानी शक्तिपीठ

सुगंधा शक्तिपीठ

जयंती शक्तिपीठ

श्रीशैल महालक्ष्मी

यशोरेश्वरी माता शक्तिपीठ

इन्द्राक्षी शक्तिपीठ

गुहेश्वरी शक्तिपीठ

आद्या शक्तिपीठ

दंतकाली शक्तिपीठ

मनसा शक्तिपीठ

मिथिला शक्तिपीठ

हिंगुला शक्तिपीठ