Mangal-Ketu-Shani Yog : वैदिक ज्योतिष में मंगल एक उग्र ग्रह माना गया है। मंगल केतु की युति सिंह राशि में बनी हुई है। इसे वैदिक ज्योतिष से अच्छा योग नहीं कहा जाता है। इसके साथ ही न्याय के देवता शनि और मंगल के बीच षडाष्टक योग बना हुआ है। मंगल और केतु से कुंज केतु योग बना हुआ है जबकि मंगल और शनि के बीच षडाष्टक योग बना हुआ है।
ज्योतिष में इन दोनों ही योग को विनाशकारी माना गया है। ऐसे में 28 जुलाई तक का समय कुछ राशियों के लिए बेहद सावधानी भरा हो सकता है। आशंका जताई जा रही है कि इस समय कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। प्राकृतिक आपदा आ सकती है।

28 जुलाई तक का समय कुछ राशियों के लिए बेहद सावधानी भरा
अग्नि संबंधित कोई दुर्घटना होने की भी संभावना बन रही है। तीन विशेष ग्रहों के बने योग का असर सभी राशियों पर दिखने वाला है। सभी राशियों के करियर, परिवार और स्वास्थ्य के मोर्चे पर उन्हें बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
सिंह राशि में इस समय दो उग्र ग्रह मंगल और केतु की युति बनी हुई है और इस पर शनि का मीन राशि में गोचर करना इस समय को और अधिक खतरनाक बना रहा है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल केतु की युति को जहां प्रतिकूल और विनाशकारी माना गया है। वही इन दोनों ग्रहों के साथ षडाष्टक योग बना हुआहै।
वर्तमान में गुरु का अतिचारी होना, यह सभी विनाशकारी योग के संकेत है। दुनिया में युद्ध और तनाव जैसे माहौल बने हुए हैं। सड़क हवाई दुर्घटनाओं के साथ अग्नि संबंधित दुर्घटनाएं भी बढ़ सकती है। 28 जुलाई तक रहने वाले इस योग का असर सभी राशियों पर दिखने वाला है।
4 राशियों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता
जिन 4 राशियों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। उनमें
मेष राशि वाले के पांचवे भाव में मंगल और केतु की युति है और शनि बारहवें भाव में है। ऐसे में प्यार के मामले में काफी संघर्ष करना पड़ेगा। विद्यार्थियों को चुनौती का सामना करना पड़ेगा। निवेश में जोखिम लेना खतरनाक हो सकता है। आक्रामकता आपके लिए विनाश का कारण बन सकती है।
कर्क राशि वाले को आर्थिक निर्णय लेते समय बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। शनि आपके नवे भाव में है जबकि दूसरे भाव में मंगल और केतु की युति है। ऐसे में कार्य स्थल पर कूटनीति बनाकर रखना बेहद जरूरी है। पैसे को लेकर थोड़ा सतर्क रहे। खर्चों पर नियंत्रण रखना आवश्यक रहेगा।
वृश्चिक राशि वाले के दसवीं भाव में मंगल और केतु की युति है। शनि आपके पांचवे भाव में है। ऐसे में प्रतिष्ठा को लेकर थोड़ा सतर्क रहें। सार्वजनिक जीवन में अस्थिरता आ सकती है। अधिकार प्राप्त व्यक्तियों के साथ संघर्ष करना पड़ सकता है। कार्य स्थल पर अचानक परिवर्तन से सावधान रहे। प्रतिष्ठा दाव पर लग सकती है। ऐसे में जल्दी बाजी में कोई भी निर्णय लेने से बचे।
मकर राशि वाले के लिए मंगल और केतु की युति आठवीं भाव में और शनि तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। दुर्घटना होने की आशंका है। जीवन में कई परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कामकाज को लेकर सतर्क रहे। लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है।
Note : यह आलेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।