Ketu Gochar : 20 जुलाई 2025 को दोपहर 2:10 बजे केतु सिंह राशि में स्थित पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। वैदिक ज्योतिष में केतु को एक रहस्यमय और आध्यात्मिक ग्रह माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में वैराग्य, तपस्या और गहन आंतरिक परिवर्तन का कारक होता है।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, जो कि शुक्र ग्रह के प्रभाव में आता है, प्रेम, कला, सौंदर्य और भौतिक सुख-सुविधाओं से जुड़ा होता है। यह नक्षत्र सिंह राशि में स्थित है, जो सूर्य की ऊर्जा से संचालित होती है। जब केतु इस नक्षत्र में गोचर करता है, तो यह दो विपरीत ऊर्जाओं केतु की आध्यात्मिकता और पूर्वाफाल्गुनी की भौतिकता का एक अद्भुत संतुलन रचता है। यह ज्योतिषीय गोचर 29 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगा, जब तक केतु अगले मघा नक्षत्र में प्रवेश नहीं कर जाते। केतु की वक्री गति और पूर्वाफाल्गुनी की कोमल प्रकृति का मेल, इस समय को आत्मिक खोज और रचनात्मक विकास के लिए बेहद अनुकूल बना देगा।
इस गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर अलग-अलग रूप में पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियाँ ऐसी हैं, जिनके लिए यह समय विशेष रूप से सौभाग्यशाली और उन्नति दायक सिद्ध होगा। आइए जानते हैं, कौन सी राशियाँ इस परिवर्तन से सर्वाधिक लाभ प्राप्त करेंगी।
मेष राशि
इस गोचर के दौरान केतु मेष राशि के पंचम भाव में प्रभाव डालेगा। यह भाव संतान, प्रेम, और रचनात्मकता से जुड़ा होता है। केतु के प्रभाव से मेष राशि के जातकों की रचनात्मकता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। लेखन, कला, संगीत या अभिनय से जुड़े लोगों को विशेष पहचान और सफलता मिलने की संभावना है। प्रेम संबंधों में गहराई आएगी और जो लोग संतान प्राप्ति की योजना बना रहे हैं उन्हें शुभ समाचार मिल सकता है। ध्यान और योग जैसी गतिविधियाँ मानसिक शांति को बढ़ाएंगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए यह गोचर तीसरे भाव को सक्रिय करेगा, जो संवाद, यात्रा और भाई-बहनों से संबंधित है। इस अवधि में मिथुन जातक अपनी बातों को अधिक प्रभावशाली ढंग से व्यक्त कर पाएंगे। पत्रकारिता, लेखन और मीडिया से जुड़े लोगों को विशेष उपलब्धियाँ प्राप्त हो सकती हैं। भाई-बहनों से संबंध बेहतर होंगे और छोटी यात्राओं से मनोवैज्ञानिक या आध्यात्मिक लाभ संभव है। आध्यात्मिक यात्राएँ या किसी धार्मिक स्थल की यात्रा आपके लिए सकारात्मक ऊर्जा लेकर आएगी।
तुला राशि
केतु तुला राशि के एकादश भाव में प्रवेश करेगा, जो लाभ, मित्र मंडली और आकांक्षाओं का भाव है। इस गोचर से तुला राशि के जातकों को सामाजिक जीवन में विस्तार का अवसर मिलेगा। नए और प्रभावशाली लोगों से मुलाकात उनके भविष्य के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। आय के नए स्त्रोत बन सकते हैं और जो लोग रचनात्मक या सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं, उन्हें विशेष पहचान मिल सकती है। आध्यात्मिक गतिविधियाँ मानसिक संतुलन और संतोष प्रदान करेंगी।
मकर राशि
केतु का यह गोचर मकर राशि के अष्टम भाव में होगा, जो शोध, रहस्य, गूढ़ ज्ञान, और अप्रत्याशित लाभ से जुड़ा है। इस दौरान मकर राशि के जातकों की रुचि ज्योतिष, ध्यान, तंत्र, या मनोविज्ञान जैसे विषयों की ओर बढ़ सकती है। आपको जीवन के गहरे पहलुओं की समझ होगी और कुछ मामलों में अचानक आर्थिक लाभ की भी संभावना है, जैसे किसी विरासत या बीमा क्लेम के माध्यम से। मानसिक स्तर पर यह गोचर गहन परिवर्तन लाएगा, इसलिए साधना और आत्मचिंतन इस समय सबसे बड़ा साधन हो सकता है।
मीन राशि
मीन राशि के लिए केतु का गोचर छठे भाव में होगा, जो रोग, ऋण और शत्रुओं से जुड़ा होता है। इस समय आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और योग-ध्यान को जीवनशैली में शामिल करने से स्वास्थ्य में स्पष्ट सुधार देखा जाएगा। पुराने रोगों से राहत मिल सकती है और कानूनी विवादों में विजय मिलने की संभावना है। सेवा भाव के कार्यों में रुचि बढ़ेगी, जिससे मानसिक संतुष्टि और आत्मिक शांति दोनों प्राप्त होंगी।
Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।