Ratlam : राजा-महाराज दारू पीकर रहते थे टुन्न, शेर हमारे समाज के लोग मारते थे, MP के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह का विवादित बयान

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मध्य प्रदेश (MP) के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह (Bisahulal Singh) ने अपने एक बयान से एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। रतलाम के पिपलौदा में शनिवार को मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हमारे नाम के आगे सिंह लगा है क्योंकि जंगल में शेर हमारे समाज के लोगों ने मारे, जबकि राजा-महाराजा दारू पीकर पड़े रहते थे और बाद में उनका नाम होता था कि उन्होंने खूंखार शेरों को मार गिराया, जबकि उनका शेर को मारने में कोई योगदान नहीं होता था।

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हमारे लोग शेर का शिकार कर देते तो राजा इसका श्रेय खुद लेते

मध्य प्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि हमारे रीवा संभाग में शेर बहुतायत में हुआ करते थे । रीवा के राजा जब कभी भी शिकार पर जाते थे तो हमारे समाज के लोगों को शेरों को घेरने के लिए अपने साथ ले जाते थे। इस दौरान शिकार के लिए बनाए गए मंच पर राजा लोग दारू पीकर पड़े रहते थे और हमारे समाज के लोग शेरों का शिकार करते थे । जब हमारे लोग शेर का शिकार कर देते तो राजा इसका श्रेय खुद लेते और सभी से कहते थे कि शेर हमने खुद मारा है जबकि हमें सिंह की उपाधि स्वयं राजा ने शेरों का शिकार करने के उपलक्ष्य में दी थी।

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राजपूत समाज हुआ नाराज

मध्य प्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह के बयान का वीडियो सोमवार को वायरल हो गया। जिसके बाद राजपूत समाज ने इस पर अपना विरोध दर्ज कराया गया है । उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम के दौरान मंत्री सिंह के साथ मंच पर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल भी मौजूद थे। गौरतलब है कि इसके पहले भी मंत्री बिसाहूलाल सिंह के राजपूत समाज को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर विवाद की स्थिति बनी थी।

दिया था यह बयान

उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी शहडोल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिसाहूलाल सिंह ने विवादित बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि बड़े-बड़े ठाकुरों के घर से महिलाओं को काम के लिए खींचकर बाहर निकाले। इसके बाद ही समाज में समानता आएगी। इस बयान पर भी राजपूत समाज ने कड़ी नाराजगी जताई थी।