वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का बहुत महत्व है। शनि को शनि देव और कर्मफल दाता माना जाता है। ज्योतिष में शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमा ग्रह है। शनि यदि किसी राशि में प्रवेश करता है तो अगले ढाई वर्ष तक उसी राशि में रहता है। इसीलिए शनि का राशि परिवर्तन सभी राशियों को प्रभावित करता है। शनि का राशि परिवर्तन कुछ राशियों पर साढ़े साती भी लेता है। तो वहीं कुछ राशियों की साढ़ेसाती खत्म हो जाती है।
जहां तक शनि की बात है तो शनि को एक राशि से पुनः उसी राशि में लौटने में लगभग 30 वर्ष का समय लगता है। शनि इस समय अपनी मूल राशि कुम्भ में हैं। इससे शश नामक राजयोग भी बना है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शश राजयोग तब बनता है जब शनि अपनी स्वराशि मकर और कुम्भ में या अपनी उच्च राशि में हो और कुंडली के मध्य में हो। शनि के कुंभ राशि में होने और षष्ठ राजयोग बनने से कुछ राशियों की किस्मत चमक सकती है।
इन 3 राशियों को होगा लाभ:
कुंभ राशि
कुंभ राशि वाले लोगों के लग्न भाव में शश राजयोग बना हुआ है। इसलिए जब तक शनि कुंभ राशि में रहेगा तब तक इस राशि के जातकों को भाग्य का पूरा सहयोग मिलेगा। आपको हर क्षेत्र में अच्छी संपत्ति मिल सकती है। तनाव से मुक्ति पाएं। बिजनेस करने वाले लोगों को बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा। करियर में उन्नति की संभावना है। दांपत्य जीवन में खुशहाली रहेगी।
मकर राशि
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि इस समय मकर राशि में साढ़े साती के अंतिम चरण में हैं। शनि कुंभ राशि में है और शश राजयोग बन रहा है, आपके लंबे समय से रुके हुए काम पूरे होंगे। आपकी भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। आपकी आर्थिक स्थिति में पहले की तुलना में सुधार आएगा। परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के जीवन में राजयोग सकारात्मक प्रभाव दिखाएगा। आपकी कई योजनाएं सफल होंगी। अचानक धन लाभ के अवसर मिलेंगे जिससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। निवेश किये गये धन से आपको अच्छा लाभ मिलेगा। नौकरी चाहने वालों को अच्छे अवसर मिलेंगे।