अपनी लाइफ में सबसे बड़ी खुशी उस काम को करने में है, जिसे लोग कहते हैं की तुम नहीं कर सकते. कोई काम जो हमारे लिए मुमकिन ना हो और उसे करने की हम ठान ले तो भी लोग टांग खींचना बंद नहीं करते इसी कहावत को चरितार्थ किया है राजस्थान के एक शिव भक्त ने, जो राजस्थान से चलकर एक साल में 9800 किलोमीटर का सफर तय कर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के दृढ़ निश्चय के साथ घर से निकले हैं. इस शिव भक्त का नाम मनीष शर्मा है जो पेशे से एक किराना व्यापारी हैं, वह राजस्थान के धौलपुर के गांव विरोंदा के रहने वाले हैं
मनीष शर्मा का कहना है कि 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने का विचार आया, मैं इसी जीवन में पापों का निवारण और मोक्ष की प्राप्ति चाहता हूं. जब मैंने यह बात अपने परिवार के सदस्यों के साथ शेयर की, तो परिवार के कुछ सदस्यों ने मजाहिया अंदाज में कहा कि अभी तुम कुछ दूर पैदल नहीं चलते हो हजारों किलोमीटर की दूरी कैसे तय करते हो.
परिवार वालों ने किया था मना
किराना व्यापारी मनीष शर्मा ने बताया कि परिवार के सदस्यों ने राय दी कि 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए मैं बाइक या फोर व्हीलर गाड़ी से जाऊं. उन्होंने बताया कि मैंने उसी समय ठान लिया कि मैं दर्शन करने पैदल ही जाऊंगा. हालांकि घर से निकलते समय भी परिवार के कुछ सदस्यों, मित्रों ने मुझे अपनी राय बदलने की सलाह दी. फिर भी मैंने भोलेनाथ का नाम लेकर घर दर्शानार्थ निकल आया.
9800 में से 650 किलोमीटर की दूरी कर चुके हैं तय
मनीष शर्मा ने मुताबिक, मेरी अंतरात्मा से लगातार ऐसा लग रहा था कि मुझे भोलेनाथ मुझे बुला रहे हैं, हालांकि मुझे यह भी नहीं पता की ज्योतिर्लिंग कहां कहां पर है. उन्होंने बताया कि घर में पत्नी को मनाया और माता पिता से आशीर्वाद लेकर 12 दिसंबर 2022 को धौलपुर के अचलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के बाद, अपनी पदयात्रा की शुरुआत कर दी.
मनीष ने बताया कि सबसे पहले मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल के दर्शन किए, जिससे मेरा आत्मविश्वास और बढ़ गया. उसी आत्मविश्वास के चलते अब मैं इंदौर आया हूं. उन्होंने कहा कि यहां से ओंकारेश्वर में दूसरे ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर महाराष्ट्र के नासिक स्थित त्रंबकेश्वर के दर्शन कर, गुजरात की ओर चलूंगा अभी तक करीब 650 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है.
बीमार पड़ने पर किया दो दिन आराम
ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए मनीष ने प्रतिदिन 30 से 35 किलोमीटर चलने का प्लान बनाया है. खाने के लिए होटल में शुद्ध शाकाहारी हल्का खाना खाते हैं, सोने के लिए किसी होटल वाले से चारपाई लेकर या कहीं भी व्यवस्थित जगह देख रात गुजार लेते हैं. उन्होंने बताया कि रास्ते में लोग पूछ कर हैरान हो रहे हैं कि इतना लंबा सफर अकेले वह भी पैदल और ठंड के मौसम में कैसे तय करोगे. रास्ते में स्वास्थ्य भी खराब हुआ था जिसके चलते दो दिन रुक कर आराम किया था.