इंदौर। आज इंदौर में रेस टू रैन इन कैंसर संस्था द्वारा ब्रिलियंट कन्वेन्षन सेंटर में कैंसर जागरुकता सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि डॉ सतीश शुक्ला, डॉ जनक एम सी ग्लैन पलटा (पद्म श्री सम्मानित), डॉ मनोज शर्मा गांधी, डॉ संजय दीक्षित डीन एम जी एम मेडिकल कॉलेज, डॉ सुमित शुक्ला रहे। कार्यक्रम का संचालन ललिता दास गुप्ता और बिना मेहता किया। आभार डॉ अपर्णा शुक्ला डॉ कल्पना तिवारी ने किया। सेमिनार केन्सर से बचाव की जागरूकता के लिए किया गया। कई प्रदेशों से डॉ आए और अपने अनुभव साझा किए। कैंसर से किस तरह लड़ना है और आगे बढ़ना है इससे सभी को जागरूक किया। डॉक्टर्स ने बताया की खान,पान अचार ओर विचार इन सब मे ही बदलाव की जरूरत है। बच्चों का डाइट प्लान अब जिस तरह का होता जा रहा है, वह उचित नही है। कैंसर ही नही कई बीमारियों का सामना लोगों को करना पड़ा रहा है।
हमारे देश में कैंसर के मरीजों की बढ़ती हुई संख्या चिंताजनक है। यह संख्या वर्ष 2025 तक तीन करोड़ के करीब संभावित है। लेकिन वास्तव में समस्या इससे कहीं अधिक है, क्योंकि कैंसर रजिस्ट्री केवल सतही तौर पर ही अनुमान लगा पाती है, हमारे देश में आज भी ज्यादातर केस रजिस्टर नहीं हो पाते है। कैंसर की मृत्यु दर भी हमारे देश में अधिक है। इसका मूल कारण जागरूकता में कमी है, अज्ञानता, भय और कैंसर को निषेध विषय समझा जाता है। कैंसर पर विजय पाने के लिये रोकथाम और शुरुआती अवस्था में निदान अत्यंत आवश्यक है। हमारे देश में लगभग दो तिहाई कैंसर के मरीज एडवांस स्टेज में जाँच के लिये आते हैं। महिलाओं के दो सामान्य कैंसर स्तन कैंसर और गर्भाशय के मुँह का कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) है। सर्वाइकल कैंसर की शत प्रतिशत रोकथाम संभव है, नियमित जाँच, पेप स्मीयर के द्वारा और HPV वैक्सीनेशन के द्वारा होती है। लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि हमारे देश में हर आठ मिनीट में एक महिला की मृत्यु सर्विकल कैंसर से होती है। यह अत्यंत दुखद है। एनजीओ रेस टू रेन इन कैंसर द्वारा नेशनल कैंसर कॉन्फ्रेंस वर्ल्ड कैंसर डे पर करना लोगों को जागरुक करने का एक प्रयास है।
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तम्बाकू और मोटापा कैंसर के प्रमुख कारण है। हम तम्बाकू का बहिष्कार, सक्रिय जीवन शैली, उचित आहार जिसमे ताजे फल और शक्तियाँ शामिल हों, नियमित जांच और वैक्सीनेशन द्वारा कैंसर की रोकथाम कर सकते है। आजकल चिकित्सा के क्षेत्र मे भी अत्यधिक विकास हो गया है, फलस्वरूप कसर होने पर उसका इलाज संभव है। आज समय की आवश्यकता है कि हम सब एकजुट होकर कैंसर को पराजित करें। डॉ कल्पना तिवारी का ये विचार है कि हर भारतवासी को अपनी देह की केयर करने के लिए जागरूक रहना होगा। हमारी देह एक देवालय की तरह है जिसका सदैव हमे ध्यान रखना है। शरीर के स्वस्थ रहने का “आधार” ही हमारा “आहार” है। डॉ कल्पना तिवारी पिछले कई बरसो से इस क्षेत्र मे कार्यरत है।