इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज के प्राचार्य इनामुर रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आज कॉलेज में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के व छात्रों के प्रदर्शन के बाद प्राचार्य ने इस्तीफा दे दिया। इस मौके पर एडिशनल डायरेक्टर सुरेश सिलावट भी कॉलेज में उपस्थित थे। आपको यहां बता दे की एक पुस्तक को लेकर विवाद हो गया है। यह पुस्तक एक निजी प्रकाशन की भी बताई जा रही है जिसकी लेखिका का नाम डॉ. फरहत खान हैं। ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ नाम की इस बुक में हिंदुओं, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ अपमान जनक बातें भी लिखी गई हैं। जिससे कुछ स्थानों पर हिंदुओं व हिंदूवाद से जुड़ी संस्थाओं पर गंभीर आरोप भी लगाए गए है, कि वो धर्म के आधार पर भड़काने व उकसाने का काम भी करते हैं। इस बड़े मामले के सामने आने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है।
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वहीं इस बड़े मामले में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भी सख्त रुख अपनाते हुए इंदौर कमिश्नर को कहा है कि मांमले की जल्द से जल्द पुरे सिरे से जांच की जाए। गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कमिश्नर को भी निर्देश दिए हैं और कहा कि डॉ.फरहत खान द्वारा लिखी गई क़िताब की 24 घंटे में जांच करें और जांच करने के बाद एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होने कहा कि धार्मिक उन्मांद फैलाने वालों को किसी रूप में छोड़ा नहीं जाएगा और की गई जांच के बाद जो भी दोषी पाया गया, उनके खिलाफ पुलिस द्धारा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने भी विभाग अपर सचिव को भी इस पुरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। इस किताब को लेकर छात्र नेताओं ने थाने में आवेदन भी दिया है और मांग भी की है कि आपत्तिजनक किताब के मामले में एफआईआर दर्ज की जाए। इधर आज कॉलेज में छात्रों के द्धारा बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन के बाद प्राचार्य इनामुर रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्राचार्य इनामुर रहमान ने अपना इस्तीफा उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त को भेज दिया है।
शासकीय महाविद्यालय में छह प्राध्यापको के द्धारा हिन्दू संप्रदाय विशेष के खिलाफ विद्यार्थियों को भड़काने का व उकसाने का भी आरोप है। इस मामले में विद्यालय की लायब्रेरी में विवादित किताब मिली है जिसकी लेखिका डॉ.फरहत खान है। पुस्तक का शीर्षक सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति है और इसमें काफी विवादास्पद मुद्दे भी दिए गए हैं। पुस्तक में हिंदू समुदाय को निशाना बना कर कुछ ऐसी बातें भी लिखी है, जिससे धार्मिक उन्माद फैल सकता है। ये मामला लगातार गर्मजोशी का रूप ले रहा है, और आज इसे लेकर कॉलेज में बड़े स्तर पर पुस्तक का विरोध प्रदर्शन भी किया गया।
इंदौर के शासकीय लॉ कॉलेज के प्राचार्य इनामुर रहमान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आज कॉलेज में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के व छात्रों के प्रदर्शन के बाद प्राचार्य ने इस्तीफा दे दिया। इस मौके पर एडिशनल डायरेक्टर सुरेश सिलावट भी कॉलेज में उपस्थित थे। आपको यहां बता दे की एक पुस्तक को लेकर विवाद हो गया है। यह पुस्तक एक निजी प्रकाशन की भी बताई जा रही है जिसकी लेखिका का नाम डॉ. फरहत खान हैं। ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’ नाम की इस बुक में हिंदुओं, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ अपमान जनक बातें भी लिखी गई हैं। जिससे कुछ स्थानों पर हिंदुओं व हिंदूवाद से जुड़ी संस्थाओं पर गंभीर आरोप भी लगाए गए है, कि वो धर्म के आधार पर भड़काने व उकसाने का काम भी करते हैं। इस बड़े मामले के सामने आने के बाद से ही बवाल मचा हुआ है।
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शासकीय महाविद्यालय में छह प्राध्यापको के द्धारा हिन्दू संप्रदाय विशेष के खिलाफ विद्यार्थियों को भड़काने का व उकसाने का भी आरोप है। इस मामले में विद्यालय की लायब्रेरी में विवादित किताब मिली है जिसकी लेखिका डॉ.फरहत खान है। पुस्तक का शीर्षक सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति है और इसमें काफी विवादास्पद मुद्दे भी दिए गए हैं। पुस्तक में हिंदू समुदाय को निशाना बना कर कुछ ऐसी बातें भी लिखी है, जिससे धार्मिक उन्माद फैल सकता है। ये मामला लगातार गर्मजोशी का रूप ले रहा है, और आज इसे लेकर कॉलेज में बड़े स्तर पर पुस्तक का विरोध प्रदर्शन भी किया गया।