हरियाणा: दिल्ली में पिछले कई दिनों से चल रहे कृषि कानूनो को लेकर किसानो के आंदोलन ने 26 जनवरी के दिन एक अलग ही रूप ले लिया था जिसके बाद जो लोग इस आंदोलन के समर्थन में थे उन्होंने भी इस आंदोलन के दौरान गणतंत्र दिवस के दिन देश के राजधानी में मचे उत्पात को लेकर निंदा की थी। इसी क्रम में किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस आंदोलन के बारे में कहा है कि “नए कृषि कानून के खिलाफ विरोध अब एक राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील हो गया है, क्योंकि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर अब नेताओं ने आंदोलन में शामिल होना शुरू कर दिया है”
मंत्री अनिल ने ये बात गुरुवार के दिन हरियाणा के गुरुग्राम में कोविड टीकाकरण अभियान की शुरूआत करते हुए कही है , ‘किसानों के विरोध प्रदर्शन को अब एक राजनीतिक कार्यक्रम में तब्दील कर दिया गया है, इतना ही नहीं उनका कहना है कि सभी को अपने हित में विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से.’ और किसानो ने जो 26 जनवरी के दिन दिल्ली में उत्पात मचाया था उसे देखकर ऐसा बिलकुल नहीं लगता है कि यह एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन है।
साथ ही मंत्री विज ने किसान आंदोलन के पीछे जो राजनीती चल रही है उसे निशाना बनाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार इस मुद्दे पर किसान संगठनों से बात करने को तैयार है और बातचीत के जरिए ही मामले को सुलझाया जा सकता है। इतना ही नहीं उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से प्रेरित समूहों के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों और गलत सूचना से दूर रहने का भी आग्रह किया। उन्होंने 6 फरवरी को होने वाले चक्का जाम को न करने का आग्रह किया है।