क्या इस राज्य में BJP पर मंडरा रहा खतरा? सहयोगी पार्टी ने वापस लिया समर्थन

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By Ravi GoswamiPublished On: November 17, 2024

एक बड़ी खबर मणिपुर से सामने आ रही है। बीजेपी सरकार से कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने अपना समर्थन खींच लिया है। राज्य में हुई हिंसा को नियंत्रण में करने में बिरेन सरकार की भूमिका को देखते हुए सहयोगी पार्टी एनसीपी ने यह निर्णय लिया। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मणिपुर में बीजेपी की सरकार संकट में है और गिर सकती है?

एनपीपी ने भेजा जेपी नड्डा को पत्र

क्या इस राज्य में BJP पर मंडरा रहा खतरा? सहयोगी पार्टी ने वापस लिया समर्थन

रविवार को एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एनपीपी ने एक पत्र लिखकर कहा कि सीएम एन बीरेन सिंह की सरकार राज्य जारी हिंसा को रोकने में पूरी तरह विफल रही है।

हिंसा की वजह से समर्थन लिया गया वापस

मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए बीरेन सिंह सरकार से एनपीपी ने अपना समर्थन वापस लेने का फैसला लिया गया है। बता दें की पिछले साल मई से ही मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय संघर्ष जारी है। तब से लेकर आज तक इस हिंसा में महिलाओं और बच्चों कई लाशें बरामद की गई हैं। इसी का हवाला देते हुए अब आख़िरकार नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने अब यह फैसला लिया है।

बीरेन सरकार पर क्या पड़ेगा प्रभाव? जानें पूरी जानकारी

दरअसल, राज्य में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं, किसी भी पार्टी को अपनी बहुमत के लिए 31 सीटें चाहिए। बता दें की 2022 के चुनाव में भाजपा यहाँ 32 सीटों पर जीती थी और एनसीपी ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद भाजपा में जेडीयू के पांच विधायकों के शामिल शामिल होने से बीरेन सरकार के पास 37 विधायकों का समर्थन प्राप्त हुआ। बता दें की ऐसी स्थिति में समर्थन वापस लेने के बाद भी बीरेन सरकार नहीं गिरेगी।