नीमच: यहां एक दूल्हे को न केवल पुलिस जवानों ने अपनी सुरक्षा में घोड़ी पर बैठाकर उसकी बारात निकाली वहीं मौके पर जितने भी पुलिस जवान मौके पर मौजूद थे वे बारात के आगे-आगे बंदूकों के साथ फ्लैगमार्च भी कर रहे थे। इस दृश्य को लोगों ने देखा तो सही लेकिन जो दूल्हा पुलिस के साये में एक घंटे से अधिक रहा, उसने जरूर अपने आपको सुरक्षित समझा। इतना ही नहीं बल्कि उसने व उसके परिजनों ने पुलिस अधिकारियों को धन्यवाद भी दिया।
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यह है पूरा मामला
गांव सरसी में मेघवाल समाज से अपना रिश्ता रखने वाले फकीरचंद मेघवाल के पुत्र राहुल का विवाह कार्यक्रम था और इसी दौरान उसकी बारात भी निकालना थी लेकिन दबंगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। बताया गया है कि मीणा समाज के लोग यह चाहते थे कि बारात गांव में स्थित चारभुजानाथ मंदिर के सामने से बारात तो निकले लेकिन दूल्हा घोड़ी से उतर कर आगे तक जाए। मीणा समाज के लोगों का यह भी तर्क था कि उनका समाज भी मंदिर के सामने वर्षों से दूल्हे को घोड़ी पर से उतारकर ही बारात निकालता है इसलिए फकीरचंद मेघवाल को भी इस परंपरा का ध्यान रखना होगा। विवाद जब बहुत आगे बढा तो आखिरकार मेघवाल परिवार ने पुलिस से अपनी सुरक्षा मांगी।
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सौ से अधिक पुलिस जवान तैनात
मेघवाल परिवार की मांग के बाद पुलिस प्रशासन ने गांव में सौ से अधिक पुलिस जवानों को तैनात कर दिया था और पुलिस के साये में ही न केवल बारात निकाली गई वहीं गांव के हर मार्ग पर जवान नजर रखे हुए थे। इतना ही नहीं बारात के आगे आगे पुलिस जवान फ्लैग मार्च भी करते हुए चले ताकि बारातियों को किसी तरह का खतरा उत्पन्न न हो सके। जिस दूल्हे की बारात का मामला यह है वह दलित समाज का है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मेघवाल व मीणा समाज में पहले से ही विवाद की स्थिति गांव में है इसलिए शादी के एक दिन पहले ही गांव में पुलिस जवान भेज दिए गए थे।