प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय का फैसला जिसने पश्चिम बंगाल में ‘77 वर्गों‘ को दिए गए ओबीसी दर्जे को रद्द कर दिया, उन्होंने कहा पश्चिम बंगाल सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति के प्रति अपने जुनून की हर सीमा पार कर ली है। वह विपक्ष के भारतीय गुट के लिए एक ‘करारा तमाचा‘ था।
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी और इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपनी अपील कर सकती है। उन्होंने झूठे दावों को लेकर सरकार की उपलब्धियों के लिए बीजेपी को1000 करोड़ रुपये के मानहानि मुकदमे की चेतावनी दी है।
कोटा पात्रता को रद्द करते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा कि इन वर्गों को पिछड़ा (ओबीसी) कहने के लिए ‘ऐसा प्रतीत होता है कि धर्म ही एकमात्र मानदंड रहा है‘। अदालत के द्वारा कड़े शब्दों में कहा गया है कि उसका दिमाग इस संदेह से मुक्त नहीं है कि ‘मुसलमान समुदाय को राजनीतिक उद्देश्य के लिए एक वस्तु के रूप में माना गया है‘।
पीएम मोदी ने विकास की इस प्रतिक्रिया पर कहा, पश्चिम बंगाल कि सरकार ने राजनीति को लेकर अपने होंसलो को पार कर दिया है, उन्होंने कहा द्वारका में एक रैली को लेकर मुस्लिम शब्द कहा तो विपक्ष ने केवल तथ्य को साम्प्रदायिक बयान देने का आरोप लगाया है। और “आज ही, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आईएनडीआई गठबंधन को एक बड़ा तमाचा मारा है। क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने सिर्फ वोट बैंक के कारण मुसलमानों को अनुचित ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किए। उन्होंने कहा, ‘अगर जरूरत पड़ी तो हम आदेश के खिलाफ उच्च अदालत जाएंगे‘।