प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा अपने गृहनगर विलमिंगटन में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका रवाना हुए। यह सम्मेलन चार देशों, यानी भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए अपने उत्साह का इजहार किया, यह कहते हुए कि यह मंच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए काम कर रहे समान विचारधारा वाले देशों का एक प्रमुख समूह है।
भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी
मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उल्लेख किया कि राष्ट्रपति बिडेन के साथ उनकी बैठक भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए नए रास्तों की समीक्षा करने का एक अवसर होगा। यह बैठक दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूती प्रदान करेगी, जिससे दोनों देशों के लोगों को लाभ पहुंचेगा।
यात्रा का महत्व
यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पहली अमेरिकी यात्रा है। यात्रा के दौरान, मोदी भारतीय प्रवासियों और महत्वपूर्ण अमेरिकी व्यापारिक नेताओं से भी मुलाकात करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन
23 सितंबर को, प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भविष्य के शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह अवसर वैश्विक समुदाय के लिए मानवता की बेहतरी के लिए आगे की राह तय करने का एक मंच है। वे यह साझा करेंगे कि कैसे दुनिया के छठे हिस्से को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण भविष्य में शामिल किया जा सकता है।
शिखर सम्मेलन में अन्य नेताओं की उपस्थिति
इस शिखर सम्मेलन में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी भाग लेंगे। यह बिडेन और किशिदा के लिए अंतिम शिखर सम्मेलन होगा, क्योंकि बिडेन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से नाम वापस ले लिया है और किशिदा ने अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री के रूप में पद छोड़ने की घोषणा की है।
इस यात्रा और शिखर सम्मेलन के जरिए मोदी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।