देश और मानवता के खिलाफ गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के कारण पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। विवादित संगठन पीएफआई के खिलाफ यह प्रतिबंधत गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के नियम और प्रावधानों के तहत लगाया गया है। पीएफआई पर देश विदेश के विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ मिलीभगत के भी आरोप है। इसके साथ ही हिंसात्मक गतिविधियों के संचालन और प्रशिक्षण के भी इस संगठन पर आरोप लगते रहे हैं।
5 साल के लिए प्रतिबंधित
PFI और उससे जुड़े अन्य संगठनों के खिलाफ पूरे देश में छापेमारी पिछले कुछ सप्ताहों से लगातार की जा रही थी। NIA, ED के साथ ही राज्य पुलिस भी पीएफआई और उससे जुड़ी संस्थाओं के ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी। संगठन के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद भारत सरकार ने इसे 5 साल के लिए प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। उल्लेखनीय है पटना के फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल में भी पीएफआई का नाम सामने आ चुका है।
ISIS और जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश से भी संबंध
उल्लेखनीय है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के देश विदेश में कई आतंकी संगठनों से गहरे संबंध हैं। अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन ISIS के साथ ही जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश से भी इस आतंकी संगठन के संबंध बहुत ही प्रगाढ़ हैं। भारत देश और मानवता के विरोधी ये सभी संगठन देश में शांति और सौहार्द्य के माहौल को खत्म करके नफ़रत और हिंसा को बढ़ावा देने वाले कार्यों में लिप्त हैं। मुस्लिम नवयुवकों को आतंक और हिंसा की ट्रेनिंग देना इनका सबसे मुख्य उद्देश्य है, जिसके माध्यम से देश की शांति भंग हो सके।