Dev Uthani Ekadashi 2023: देवउठनी एकादशी के दिन पूजा करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, समस्त पापों से मिलेगा छुटकारा

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Dev uthani ekadashi 2023 puja vidhi: हिंदू धार्मिक ग्रंथों के आधार पर जो भी लोग एकादशी तिथि का व्रत करना चाहते हैं, वह देव प्रबोधिनी अर्थात देवोत्थान एकादशी के दिन से इस उपवास को शुरू कर सकते हैं। इस बार यह व्रत 23 नवंबर को रखा जाएगा। एकादशी तिथि के दिन लकड़ी का दातून और टूथपेस्ट का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबाना कर दांत और गले का शुद्धिकरण करना चाहिए। इस दिन वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी सख्त मना किया जाता है इसलिए आप टूटे हुए पत्तों का सेवन करें।

एकादशी व्रत की विधि

आपको एकादशी तिथि वाले दिन सवेरे सवेरे ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान करने के बाद श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास हमेशा हमेशा के लिए बना रहता हैं। एकादशी के दिन श्री विष्णु सहस्रनाम के जाप के तुल्य ही पुण्य की प्राप्ति होती है। “ओम् नमो भगवते वासुदेवाय” द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप तप करना भी बेहद शुभ माना गया हैं। इस दिन अपने सामर्थ्य अनुसार अन्न का दान करना चाहिए। जिसके साथ ही रात में भगवान श्री हरि विष्णु के आगे दीपक जलाकर बीच रात्रि तक जगराता करना चाहिए। इस दिन फलाहार या फिर अपने घर में ही निकाला हुआ फल का जूस या फिर दूध या जल पर रहना शुभदायक माना गया है। आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता आदि अमृत फलों का आहार जरूर लेना चाहिए।

एकादशी के दिन भूलकर भी इन चीजों को करने से बचें।

आपको बता दें कि एकादशी तिथि के दिन गलती से भी चावल न बनाना चाहिए और न ही इसका सेवन करना चाहिए और साथ ही साथ न ही इसे किसी को खिलाना चाहिए। व्रत के एक दिन पहले से तात्पर्य दशमी और एक दिन पश्चात यानी बारस तक कांसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चना, कोदो, शाक, शहद, तेल आदि का त्याग कर देना चाहिए। व्रती को भूलकर भी गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग आदि चीजों का आहार ग्रहण नहीं करना चाहिए।

इस दिन खुद भी किसी से अन्नदान नहीं ग्रहण करना चाहिए। चोर, पाखंडी और दुराचारी लोगों से वार्ता करने की जगह उनके समक्ष दृष्टि पड़ने पर मौन ही धारण करना चाहिए। किसी कारणवश कोई व्यक्ति किसी की बुराई कर रहा हो तो आप वहां से तनिक दूरी बना लें। नहीं तो इसका आपको गंभीर दोष भी लग सकता हैं। वहीं इन दोषों के लिए सूर्यदेव के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि नारायण की विशेष पूजा कर माफी मांग लेना चाहिए। एकादशी तिथि के दिन बाल कटवाना, नाखून काटना, दाढ़ी मूंछ बनवाना भी निषेध माना गया है।