इस खास दिन जरूर करें काल भैरव की पूजा, हर दुःख और कष्टों से मिलेगा छुटकारा

Share on:

Kaal Bhairav Jayanti 2023: मार्गशीर्ष महीने के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। बता दें इस साल की काल भैरव जयंती 5 दिसंबर यानि मंगलवार को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काल भैरव भगवान शंकर जी का ही रौद्र रूप माना गया हैं। काल भैरव को प्रसन्‍न करने से जीवन से सारे संकट, काल, दुख दूर हो जाते है, इसके अलावा जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है और तरक्‍की के रास्‍ते खुल जाते हैं। इस महीने की काल अष्टमी व्रत हर महीने को किया जाता है लेकिन मार्गशीर्ष कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी विशेष मानी जाती है क्‍योंकि इसी दिन काल भैरव जयंती भी है। बाबा काल भैरव जयंती के दिन व्रत और पूजा करने से आपकी आपकी हर मनोकामनाएं पूरी कर होती है।

ये है कालाष्‍टमी के अचूक उपाय:-

1.व्‍यापार बढ़ाने का उपाय: अगर आप अपने बिजनेस को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं तो कालाष्‍टमी के दिन भैरव मन्दिर में जाकर भैरव बाबा को 125 ग्राम साबुत उड़द की दाल चढ़ाएं और चढ़ाने के बाद उसमें से 11 उड़द के दाने गिनकर अपने पास अलग से निकाल कर रख लें और उन्हें एक काले कपड़े में बांधकर अपने कार्यस्थल पर तिजोरी में रख दें। इसके बाद आप दानों को कपड़े में रखते समय ये मंत्र अवश्य बोले- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’.

2.कष्‍ट-परेशानी से छुटकारा पाने का उपाय: आपके जीवन में कई सारे दुःख होते है, उन सारे दुख, कष्‍ट को दूर करने के लिए आप कालाष्‍टमी के दिन सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी काले कुत्ते को डाल दें। इसके बाद आप रोटी पर तेल चुपड़ते समय भैरव बाबा का ध्यान करते हुए ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’ मंत्र का 5 बार जाप अवश्य करें।

3.अनजाने भय से निजात पाने का उपाय: यदि आपको किसी भी प्रकार का डर या भय हो तो उससे छुटकारा पाने के लिये आपको भैरव बाबा के चरणों में काले रंग का धागा रख दें और ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’ मंत्र का 11 बार जान करें और फिर उस धागे को अपने हाथ या बाजू में बांध लें।

4.धन लाभ पाने का उपाय: अगर आपको आमिर बनना है तो उसके लिए आपको कालाष्‍टमी के दिन सुबह स्नान करके काल भैरव बाबा की विधि-विधान से पूजा करना चाहिए और बाबा भैरव को जलेबी का भोग लगाएं और इसके साथ ही ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’ मंत्र का उच्चारण करें।