मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी ओर मिनी मुंबई कहा जाने वाला इंदौर शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में 5 बार देश भर मे नंबर वन आया है. अब यह शहर पर्यटन के क्षेत्र में भी कमाल करने वाला है. इंदौर नगर निगम वन विभाग के कंधे से कंधा मिलाकर पर्यटन स्थलों के निर्माण में भी एक अहम भूमिका निभा रहा है. इंदौर के देवगुराड़िया क्षेत्र की पहाड़ी पर वन विभाग ने लगभग 2 करोड़ खर्च कर 100 हेक्टेयर खाली पड़ी जमीन को सिटी फारेस्ट बना दिया है.इसके निर्माण में नगर निगम ने भी अहम भूमिका निभाई है. अभी यहां घूमने आने वालों से किसी तरह का चार्ज नहीं लिया जा रहा है.
हरियाली पसंद करने वाले पर्यटकों के लिए बनाए गए देवगुराड़िया पहाड़ी पर सिटी फारेस्ट पर्यटक स्थल की सुंदरता देखते ही बनती है.बीते 3 सालों में इस पर्यटन स्थल के विकास के लिए जो काम होने वाले थे वो फिलहाल अभी शुरू नहीं हो पाए हैं. यही वजह है कि सैर-सपाटे के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए इसे फिलहाल मुफ्त रखा गया है.किन्तु आने वाले समय में यहां पर कई और निर्माण कार्य होने की संभावनाएं हैं.
Also Read – सोने में सुस्ती, चांदी भी 487 रुपये प्रति किलो नीचे लुढ़की
देवगुराड़िया की इस पहाड़ी पर बनाए गए सिटी फारेस्ट पर्यटन स्थल पर कई तरह की ओषधियों के पेड़ लगाए गए हैं. इसके साथ ही वहां एक नक्षत्र गार्डन भी तैयार किया गया है.देवगुराड़िया मंदिर से पहाड़ी तक पहुंचने के लिए 4 पहिया वाहन के पहुंचने की व्यवस्था है.पहाड़ी पर एक बड़ा वाच टावर और तीन-चार झोपडीनुमा कमरे भी बनाए गए हैं. वहां पर्यटक रुक कर जंगल का आंनद ले सकते हैं.साथ ही सैर-सपाटे के लिए आए पर्यटकों के लिए पहाड़ी पर तैराकी के लिए एक छोटी सी तलाई का निमार्ण भी करवाया गया है. वहां कर कई तरह की लाइटें भी लगवाई गई हैं. जिसकी कारण पर्यटन स्थल की सुंदरता रात्रि के समय दुगनी हो जाती है.
वन मण्डल अधिकारी नरेंद्र पांडवा ने बताया की देवगुराड़िया पहाड़ी पर बनाया गया सिटी फारेस्ट अभी पूरी तरह से निः शुल्क है.पर्यटन स्थल के रख रखाव के लिए इसे किसी निजी कंपनी के हाथों में सौपने के बाद दीं इसकी टिकट की दरें तय की जाएंगी.फिलहाल अभी तक इस 100 हेक्टेयर मे फैले पर्यटन स्थल पर पर्यटकों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा है.