केंद्र सरकार ने हाल ही में एक सलाह जारी की है, जिसके तहत समाचार चैनलों को प्राकृतिक आपदाओं और प्रमुख दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग करते समय तस्वीरों और वीडियो फुटेज पर तारीख और टाइमस्टैम्प प्रदर्शित करने की सलाह दी गई है। यह कदम दर्शकों को सही जानकारी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
समाचार चैनलों की कवरेज में सुधार की आवश्यकता
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि टीवी चैनल अक्सर प्राकृतिक आपदाओं और बड़े हादसों की विस्तृत कवरेज करते हैं, लेकिन वे घटना की पुरानी फुटेज बार-बार दिखाते हैं। इससे दर्शकों को सही स्थिति का पता नहीं चल पाता और वे घबराहट महसूस कर सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि ऐसी स्थिति में फुटेज की तारीख और समय को प्रमुखता से प्रदर्शित करने की सलाह दी गई है ताकि दर्शकों को वर्तमान स्थिति की सटीक जानकारी मिल सके।
गलतफहमी से बचने के लिए समय और तारीख की आवश्यकता
एडवाइजरी में स्पष्ट किया गया है कि पुरानी फुटेज को देखकर दर्शकों के बीच अनावश्यक घबराहट और संभावित चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, यह सलाह दी गई है कि आपदा या दुर्घटना की रिपोर्टिंग करते समय फुटेज पर ‘दिनांक और समय’ की मुहर लगाई जाए ताकि दर्शकों को सही और अद्यतन जानकारी मिल सके।
कवरेज में प्रोग्राम कोड का अनुपालन
मंत्रालय ने निजी समाचार चैनलों को सलाह दी है कि वे ऐसे आयोजनों की कवरेज करते समय कार्यक्रम संहिता का पालन सुनिश्चित करें। यह सलाह हाल ही में वायनाड और हिमाचल प्रदेश में हुए भूस्खलनों की व्यापक कवरेज के मद्देनजर दी गई है, जिसमें कई लोग मारे गए थे।