भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि विगत 7 मई 2021 को ग्वालियर एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त हुए राजकीय विमान की दोषी खुद शिवराज सरकार है क्योंकि यह विमान बगैर बीमा के उड़ाया जा रहा था। सलूजा ने बताया कि बड़े आश्चर्य की बात है जब कोई भी व्यक्ति बगैर बीमा के अपना छोटे से छोटा वाहन तक सड़क पर नहीं लाता तो 62 करोड़ कीमत का यह विमान कैसे बगैर बीमे के उड़ान भर रहा था ?
बड़े आश्चर्य की बात है कि सरकार ने 85 करोड़ वसूली का नोटिस उस पायलट को थमाया है , जिस पायलट ने कोरोना काल में कोरोना वारियर्स के रूप में अपनी सेवाएं दी है।
चाहे सैंपल की बात हो या रेमड़ेसिविर इंजेक्शन पहुँचाने की बात तो , जिस पायलट के कामों की कोरोना वारियर्स के रूप में सब दूर सराहना हुई हो , उसको दुर्घटना का दोषी मान 85 करोड़ की वसूली का नोटिस थमाना समझ से परे है क्योंकि विमानन विभाग तो खुद मुख्यमंत्री शिवराज जी के पास है तो उस हिसाब से यह यह नोटिस तो खुद मुख्यमंत्री शिवराज जी व विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा जाना चाहिए था और यह वसूली उनसे ही होना चाहिए क्योंकि बग़ैर बीमा के किस आधार पर इस विमान को उड़ने की अनुमति दी गयी ?
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बड़े आश्चर्य की बात है कि इस दुर्घटना के 8 माह बाद भी अभी तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है जबकि यह एक बड़ी लापरवाही का मामला है। जनता की गाढ़ी कमाई के टैक्स के करोड़ों रुपए इस लापरवाही की भेंट चढ़ गए हैं और बड़े आश्चर्य की बात है सरकार के एक अन्य 59 करोड़ क़ीमत के हेलीकॉप्टर के भी बीमा नहीं होने की जानकारी सामने आई है ,साथ ही सरकार जो 125 करोड़ की कीमत का नया विमान खरीदने की तैयारी कर रही है , उसका भी बीमा होगा कि नहीं ,इस पर भी अभी फैसला नहीं लिया गया है।
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इसी से समझा जा सकता है कि शिवराज सरकार में सरकारी खजाने से जनता के करोड़ों रुपए किस तरह लुटाए जा रहे हैं। किसी भी वाहन का बीमा नहीं होने पर दुर्घटना होने पर सबसे पहले उसका दोषी उसका मालिक होता है ,फिर ड्राइवर की जवाबदही तय होती है लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि मालिक को छोड़ दिया गया है और पायलट पर सारी जवाबदारी डाल दी गई है और उनको वसूली का नोटिस थमा दिया गया है ? अजब-गजब मध्यप्रदेश में निश्चित तौर पर यह कार्यवाही एक आश्चर्यचकित करने वाले अजूबे की भांति है।