पटना: जहा एक तरफ कोरोना से देश का हाल बिहाल है वही दूसरी ओर बारिश से बिहार बेहाल है। कोरोना के आकड़ो में हर दिन बढ़ोतरी ही नजर आ रही है वही बिहार में नदियाँ उफान पर है। जिसके कारण लोगों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बता दे कि बिहार के 38 जिलों में से पटना, भागलपुर, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, नालंदा तथा सीवान में कोरोना का कहर बरक़रार है तो वही मधेपुरा, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, खगड़िया, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिलों में नदियां अपने विकराल रूप में लोगों के घर-बार को उजाड़ रही हैं।
साथ ही बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए पटना के बिहटा की 9वीं वाहिनी एनडीआरएफ की 16 टीमों को राज्य के अलग-अलग जिलों में तैनात है। मंगलवार को एनडीआरएफ के कमांडेंट विजय सिन्हा ने बताया कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मांग पर और बल मुख्यालय एनडीआरएफ, नई दिल्ली की सहमति से 9वीं वाहिनी एनडीआरएफ की कुल 16 टीमों को बिहार के 11 जिलों- पश्चिम चंपारण (बेतिया), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), गोपालगंज, कटिहार, अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी तथा सारण जिलों में तैनात किया गया है। साथ ही गोपालगंज जिला में एनडीआरएफ की तीन टीमें, बेतिया, मोतिहारी और सारण में दो-दो टीमें और शेष अन्य जिलों में एक-एक टीम तैनात की गई है। सभी टीमें अत्याधुनिक बाढ़ बचाव उपकरण, कटिंग टूल्स और उपकरण, संचार उपकरण, मेडिकल फर्स्ट रेस्पांडर किट, डीप डाइविंग सेट, इनलैटेबल लाइटिंग टावर आदि से लैस हैं।
उनका कहना है की, “टीमों में कुशल गोताखोर, तैराक और मेडिकल स्टाफ मौजूद हैं जो बाढ़ आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य में लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने में सक्षम और तत्पर हैं।” उन्होंने कहा कि, “इस वर्ष बाढ़ राहत और बचाव ऑपेरशन के दौरान एनडीआरएफ के हमारे बचावकर्मी कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के सुरक्षात्मक दिशा-निर्देश और प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कर रहे हैं और समुदाय के लोगों को भी कोविड-19 से सुरक्षात्मक उपायों को पालन करने के लिए जागरूक एवं प्रोत्साहित कर रहे हैं।”
साथ ही कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ दल के सभी सदस्यों को पीपीई, मास्क, फेस शील्ड, फैब्रिकेटेड फेस हुड कवर, सेनेटाइजर, हैंडवाश, सोडियम हाइपोक्लोराइट आदि दिया गया है।