Navratri 2021 : आज नवरात्रि का तीसरा दिन हैं और नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा के पूजन का विधान है। मां चंद्रघण्टा अपने मस्तक पर भगवान शिव के अद्ध चंद्र को सुशोभित करने के कारण इन्हें चंद्रघण्टा कहा जाता है। इनके शरीर का रंग सोने के समान बहुत चमकीला है। इस देवी के दस हाथ हैं, जिनमें वो खड्ग और अन्य अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं।
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सिंह पर सवार इस देवी दैत्यों के नाश और भक्तों को अभयदान प्रदान करती हैं। इसके घंटे सी भयानक ध्वनि से अत्याचारी दानव-दैत्य और राक्षस कांपते रहते हैं। मां चंद्रघण्टा के पूजन से अलौकिक शक्तियों की प्राप्ति होती है। वहीं नवरात्रि के दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ भी खासतौर पर किया जाता है। दुर्गा सप्तशती को कुल 13 अध्याय में बांटा गया है।
माना जाता है कि इस पाठ को करने से व्यक्ति की हर तरह की इच्छा पूरी होती है। वैसे तो पूरी दुर्गा सप्तशती पढ़ना अत्यंत शुभ है, लेकिन अगर आपके पास समय का अभाव है और जीवन में तमाम संकट हैं तो आप अपनी राशि के अनुसार दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इससे आपकी भौतिक, दैहिक और आध्यात्मिक, सभी तरह की इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं।
मेष राशि:
मंगल ग्रह के स्वामित्व वाली इस राशि के लोगों में क्रोध बहुत होता है। इन्हें दुर्गा सप्तशती के पहले अध्याय का पाठ करना चाहिए।
वृष राशि:
वृष राशि के लोगों पर शुक्र की कृपा होती है। ये लोग भावुक होने के साथ विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं। नवरात्रि के दिनों में दुर्गा सप्तशती के दूसरे अध्याय का पाठ करने से इनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।
मिथुन राशि:
मिथुन राशि के लोग अगर नवरात्रि के समय में दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ करें तो उनकी प्रतिभा निखरती है और उनके समस्त संकट दूर होते हैं।
कर्क राशि:
चंद्रमा के प्रभाव के कारण कर्क राशि वालों का मन विचलित रहता है और ये लोग मानसिक तौर पर थोडे़ परेशान रहते हैं। इन्हें नवरात्रि के दिनों में दुर्गा सप्तशती के पांचवे अध्याय का पाठ करना चाहिए। इससे बंद किस्मत के ताले भी खुल जाते हैं।
सिंह राशि:
सिंह राशि वालों पर पहले ही सूर्यदेव की कृपा होती है, इसके कारण इनका व्यक्तित्व काफी प्रभावशाली होता है। यदि ये दुर्गा सप्तशती के तीसरे अध्याय का पाठ करें, तो इनका प्रभाव और ज्यादा बढ़ेगा और इनकी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
कन्या राशि:
कन्या राशि वाले बहुत तेज दिमाग के होते हैं। लेकिन कई बार ये सही निर्णय न ले पाने की वजह से अपने जीवन में समस्याएं पैदा कर लेते हैं। इन्हें इस समस्या से बचने के लिए दुर्गा सप्तशती के दसवें अध्याय का पाठ करना चाहिए।
तुला राशि:
तुला राशि के लोगों को नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती के छठे अध्याय का पाठ करना चाहिए। इससे इनका शुक्र ग्रह अनुकूल होता है और इन्हें जीवन के सारे सुख प्राप्त होते हैं।
वृश्चिक राशि:
वृश्चिक राशि के लोगों का क्रोध बहुत तेज होता है, इस कारण कई बार इनके बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। इन्हें दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पाठ करना चाहिए। इससे इनका गुस्सा शांत होता है और दुर्भाग्य दूर होता है।
धनु राशि:
धनु राशि के लोगों पर गुरू बृहस्पति का आशीर्वाद होता है। इन्हें दुर्गा सप्तशती के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करना चाहिए। इससे इनके जीवन के तमाम संकटों का अंत होता है।
मकर राशि:
मकर राशि के लोगों को विरोधी स्वभाव का माना जाता है। इस कारण कई बार ये लोग अच्छे होने के बावजूद नकारात्मक साबित हो जाते हैं। इस इमेज से बाहर निकलने और जीवन की तमाम समस्याओं से बचने के लिए इन्हें दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पाठ करना चाहिए।
कुंभ राशि:
ये राशि शनि के स्वामित्व वाली राशि मानी जाती है। जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए इस राशि के लोगों को दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय का पाठ करना चाहिए।
मीन राशि:
भौतिक और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए इस राशि के लोगों को दुर्गा सप्तशती के नौवें अध्याय पाठ करना चाहिए। इससे इनके जीवन की ढेरों समस्याएं दूर हो सकती हैं।
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