34 साल पुराने रोडवेज के मामले में पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. सरेंडर के बाद उन्हें कौशल्या हॉस्पिटल मैं मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है. तूने सीने में दर्द की शिकायत की है जिसके बाद डॉक्टरों द्वारा उनकी ईसीजी और अन्य जांच की जा रही है.
बता दें कि इस मामले में कोर्ट की ओर से सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई गई है जिसके बाद सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख लिया था लेकिन उन्हें वहां से कोई फायदा नहीं मिला. मामले को लेकर सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिंदर दल्ला का कहना है कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने उन्होंने सरेंडर कर दिया है वह न्यायिक हिरासत में है मेडिकल जांच और अन्य कानूनी प्रक्रिया की जा रही है.
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अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू की खराब सेहत का हवाला देते हुए सरेंडर के लिए वक्त देने की मांग की है जिस पर जस्टिस खानविलकर की पीठ ने कहा कि यह मामला विशेष पीठ से संबंधित है इसलिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अर्जी दायर करें.
मनु सिंघवी की ओर से चीफ जस्टिस की कोर्ट में इस मामले को लेकर अर्जी दायर नहीं की गई क्योंकि कुछ दिनों पहले ही चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने यह कह दिया था कि अर्जेंट मेंशनिंग मैं दर्ज मामलों के अलावा कोई भी नया केस नहीं सुना जाएगा जो लिस्ट में नहीं है. इसी को देखते हुए कहा जा रहा है कि अब नवजोत सिंह सिद्धू के सामने सरेंडर कर के जेल जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है.
कहां यही जा रहा है कि सिद्धू की सेहत का हवाला देते हुए उन्हें राहत देने की मांग को और से की जाएगी वकीलों द्वारा कई कानूनी दांव पर आजमाए जा रहे हैं सिद्धू की जांच रिपोर्ट का सहारा लेकर मोहलत मिलने की कोशिश की जा रही है.
बता दें कि 20 मई के बाद कोर्ट में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही है जो एकता 1 दिन तक चलेगी इस समय में सिर्फ अर्जेंट मामलों पर ही सुनवाई की जाएगी. हालांकि कोर्ट की ओर से अर्जेंट सुनवाई के लिए ग्रीष्मकालीन बेंच के अलावा पांच अन्य बेंच भी बनाई गई है, यह सभी लंबे समय से पेंडिंग पड़े मामलों पर सुनवाई करेगी