पीएम मोदी की भावी परियोजना मिशन गगनयान के लिए चार लोगों का चयन किया गया है. अब इन चारों एस्ट्रोनॉट्स के नाम सामने आ गए हैं. बता दें यह सभी इंडियन एयरफोर्स के टेस्ट पायलट है. वायुसेना के चार पायलटों ने रूस में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है. इन्हें मॉस्को के नजदीक जियोजनी शहर में स्थित रूसी स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में एस्ट्रोनॉट्स बनने का प्रशिक्षण दिया गया था.
मिशन गगनयान के लिए चुने गए एस्ट्रोनॉट्स के नाम है ,ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजित कृष्ण और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला. पीएम मोदी ने इन चारों को दुनिया के सामने पेश किया. बता दें ये चारों देश के हर तरह के फाइटर जेट्स उड़ा चुके हैं. हर तरह के फाइटर जेट्स की कमी और खासियत जानते हैं. इसलिए इन चारों को गगनयान एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग के लिए चुना गया है.
आपको बता दें गगनयान मिशन के लिए सैकड़ों पायलटों का टेस्ट हुआ था. इसके बाद उसमें से 12 चुने गए. ये 12 तो पहले लेवल पर आए. इनका सेलेक्शन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में किया गया. इसके बाद कई राउंड के सेलेक्शन प्रोसेस पूरा किया गया. तब जाकर इसरो और वायुसेना ने चार टेस्ट पायलट के नाम फाइनल किए.
पीएम नरेंद्र मोदी ने इन्हें एस्ट्रोनॉट विंग्स देकर इनके दुनिया के सामने पेश किया. चारों भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं. चारों की बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में ट्रेनिंग चल रही है.इसके बाद इसरो ने इन चारों को 2020 के शुरूआत में रूस भेजा गया ताकि वो बेसिक एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग ले सकें. इसके बाद से ये चारों लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि इसरो का गगनयान मिशन मानव अंतरिक्ष मिशन भेजने की क्षमता को दिखाने के लिए बनाया गया है. इस मिशन के तहत 3 लोगों की टीम को 3 दिन के लिए अंतरिक्ष में 400 किमी की कक्षा में पहले लॉन्च किया जाएगा, फिर उसे समुद्र में उतारकर उनको पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता को प्रदर्शन करने की कल्पना की गई है.