मध्यप्रदेश के खंडवा से सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का देर रात दिल्ली में निधन हो गया है। वह पिछले काफी दिनों से बीमार थे। जिसके चलते वह लगभग 1 महीने से दिल्ली में भर्ती थे। वहीं 11 जनवरी को वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए जाने के बाद भोपाल के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। लेकिन इस दौरान उनकी तबियत सीरियस हो गई जिसकी वजह से उन्हें वापस से दिल्ली के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया। लेकिन बीती रात वह दुनिया को अलविदा कह गए। इस बात की जानकारी उनके बेटे ने दी है। बता दे, नंद कुमार सिंह चौहान का पार्थिव शरीर दोपहर 2 बजे खंडवा लाया जाएगा और यहां से सड़क मार्ग से बुरहानपुर ले जाय जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2 बजे खंडवा पहुंचेंगे।
ऐसा रहा नंदकुमार सिंह चौहान का राजनीतिक सफर –
नंदकुमार सिंह चौहान का जन्म बुरहानपुर जिले के शाहपुर में 8 सितंबर 1952 को हुआ था। उन्होंने अपने पोस्ट ग्रेजुएट के बाद ही राजनीति को अपने कैरियर के तौर पर चुना और उसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने बुरहानपुर जिले में स्थित शाहपुर नगर पालिका में साल 978-80 व 1983-87 तक शाहपूर बुरहानपुर अध्यक्ष के तौर पर बीजेपी से जीत कर नगर अध्यक्ष रहे। फिर वह साल 1985-96 तक लगातार 2 बार बीजेपी से विजयी हो कर मध्य प्रदेश विधानसभा के बुरहानपुर क्षेत्र से विधायक रहे।
फिर वह 1996 को 11वें लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें खंडवा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया था। लेकिन उनका कार्यकाल 1996-97 तक ही रहा। ये इसलिए क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने अपना त्यागपत्र दे कर सरकार निरस्त कर दी थी। फिर उन्होंने 1998 में उपचुनाव में 12वीं लोकसभा चुनाव में वे दूसरी बार खंडवा क्षेत्र से विजयी हुए थे। जिसके बाद 1998-99 तक ही रहा जिसका मुख्य कारण वाजपेयी सरकार के समर्थक पार्टी का समर्थन वापस लेना था। बता दे, 1999 में 13वीं लोकसभा उपचुनाव में फिर से भाजपा ने खंडवा क्षेत्र से इन्हें उम्मीदवार बनाया। इसमें भी वें तीसरी बार विजयी हुए। इसने इनका कार्यकाल 1999-2004 तक 5 वर्ष पूर्ण चला।