अगले 12 घंटों में प्रदेश के इन 9 जिलों में गरज चमक के साथ बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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By Meghraj ChouhanPublished On: September 12, 2024

मध्य प्रदेश में हाल ही में हुई मूसलधार बारिश ने कई जिलों को प्रभावित किया है। मौसम विभाग ने राज्य के 34 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें से 6 जिलों के लिए रेड अलर्ट और अन्य जिलों के लिए ऑरेंज-येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों में एक बड़ा मानसून सिस्टम सक्रिय है, जो राज्य में व्यापक बारिश का कारण बन रहा है।

प्रदेश में मौसम का मिजाज

मौसम विभाग ने सागर, भिंड, रायसेन, शिवपुरी, विदिशा, और अशोकनगर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 24 घंटे में 7 इंच से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। इस भारी बारिश के चलते इन इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। दमोह, ग्वालियर, पन्ना, मुरैना, छतरपुर, श्योपुर, टीकमगढ़, गुना, निवाड़ी, और दतिया जिलों के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में भी व्यापक बारिश की आशंका है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

रीवा, भोपाल, सतना, नीमच, मैहर, मंदसौर, उमरिया, आगर-मालवा, कटनी, राजगढ़, जबलपुर, शाजापुर, नरसिंहपुर, देवास, छिंदवाड़ा, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, और सीहोर जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में बारिश की तीव्रता अधिक रहने की संभावना है, लेकिन बाढ़ का खतरा अपेक्षाकृत कम है।

खंडवा जिले में नर्मदा नदी के ऊपरी इलाकों में हो रही भारी बारिश के कारण बरगी डैम और तवा डैम के गेट खोल दिए गए हैं। इसके अलावा, इंदिरा सागर डैम के 12 गेट भी एक-एक मीटर तक खोल दिए गए हैं। इन गेटों से कुल 3048 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, और टरबाइनों के माध्यम से 1840 क्यूसेक पानी भी छोड़ा जा रहा है। इन कदमों के परिणामस्वरूप, निचले इलाकों में जलस्तर बढ़ने की आशंका है और अलर्ट जारी किया गया है।

फसलें बर्बाद, किसान चिंतित

निवाड़ी जिले में पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। खेतों में पानी भरने के कारण फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। उड़द, मूंग, तिल, मूंगफली और सोयाबीन की फसलें बर्बाद हो गई हैं। किसानों का कहना है कि मूसलधार बारिश के कारण उनकी खड़ी फसलें बह गई हैं और कुछ फसलें मिट्टी के नीचे दबकर नष्ट हो गई हैं। इस स्थिति ने किसानों को अत्यधिक परेशान कर दिया है और वे अपनी फसलों की बर्बादी से चिंतित हैं।