मोदी जी…चंगुल से मुक्त करो वैक्सीन

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राजेश ज्वेल

तीन महीने पहले जिस भारत को वैक्सीन का विश्वगुरु घोषित किया गया था वो आज भीषण कोरोना संक्रमण के साथ वैक्सीन संकट का भी सामना कर रहा है , वैक्सीन उत्सव शुरू करवाने वाले मोदी जी को दुनियाभर में जितनी भी वैक्सीन है, उन सभी को भारत के लोगों को उपलब्ध करा देना चाहिए… यह बात समझ से परे है कि मोदी सरकार वैक्सीनों पर कुंडली मारकर क्यों बैठी है ? उम्र से लेकर तमाम बंधन अलग थोप रखे हैं… दुनिया में सबसे कारगर अभी फाइजर, मॉर्डना और सिंगल डोज वाली जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन मानी जा रही है, जो अमेरिका सहित अन्य देशों के लोग तेजी से लगवा भी रहे हैं…

इन वैक्सीनों को क्यों नहीं मोदी सरकार भारत में अनुमति देती है ताकि अपनी जेब और जरूरत के मुताबिक हर कोई इन्हें खरीदकर लगवा सके , गरीबों को सरकार निशुल्क लगा दे , अभी तो सिर्फ कोविशील्ड और कोवैक्सीन ही देश में उपलब्ध है और लगभग 9 करोड़ कोविशील्ड तो 90 लाख कोवैक्सीन देश के लोगों को लगी है और अब इन वैक्सीनों का भी टोटा पडऩे लगा है… जबकि पहले दावा था कि करोड़ों वैक्सीन एक महीने में बनाने की क्षमता है और विश्वगुरु भारत अपने देश के अलावा विदेशों को भी ये वैक्सीन आसानी से उपलब्ध करा सकता है… मगर अब विदेशों में वैक्सीन भेजना बंद की क्योंकि देश के लिए ही कम पडऩे लगी…

अब भले ही विदेशों में वैक्सीन ना भेजे, मगर वहां की वैक्सीन भारत मंगवाकर लगवाने में क्या परेशानी है..? अभी महंगे इंजेक्शन, इलाज से लेकर टेस्ट में लोग हजारों-लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं, वे आसानी से 2-4 हजार रुपए कीमत की भी विदेशी वैक्सीन मिलेगी तो खरीदकर लगवा लेंगे… पता नहीं क्यों मोदी सरकार स्वदेशी वैक्सीन राग अलापती रही है..? जबकि हकीकत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड का फार्मूला भी विदेशी है… ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजैनिका ने इसे बनाया… सीरम तो सिर्फ बॉटलिंग कर रहा है…

फाइजर, मॉर्डना, जॉनसन एंड जॉनसन के अलावा रूस की स्पूतनिक भी है जिसे अब मंजूरी दी गई है , उसी तरह अब तुरंत मोदी जी अन्य वैक्सीनों को भी मंजूरी दे जो बाजारों में निर्धारित रेट पर उपलब्ध हो सके , जिससे वैक्सिनेशन की गति तेज होगी वरना अभी जिस गति से लग रहे है , उसमें ही 2 साल से ज्यादा लग जाएंगे और अगर वैक्सीन की उम्र साल-डेढ़ साल ही रही तो , जिसने अभी लगवाई उसका नम्बर फिर आ जायेगा और देश मे कोरोना का कुचक्र चलता ही रहेगा , लिहाजा चुनावी मोड से बाहर निकलिए मोदी जी और कोरोना के प्रति गम्भीर बनिये , चुनाव तो होते रहेंगे , अभी जनता को बचाइए , जो अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रही है , बीमारी के साथ आर्थिक मोर्चे पर भी ..!