जीवन गीत

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By Shivani RathorePublished On: October 8, 2020
dheryashil

गहन अंधकार
मुझे निगलने के लिए
मेरी तरफ बढ़ रहा था
मैंने एक दिप रख दिया
उसके सामने

वो कड़कती
आवाज़ में खंजर
लहराते मुझसे बोला
जो कुछ है निकाल कर
रख दे फ़क़ीर
मैंने ,दुआएँ, क्षमा
शुभेच्छाएँ निकाल कर
रख दी
उसके सामने ।

जीवन गीत

वो बेहद डरा सहमा
निराशा से घिरा
मदद की गुहार करता
आया मेरे पास
मैंने ,आशा ,विश्वास ,साहस
निकाल कर रख दिये
उसके सामने ।

मैं जानता हूँ
तुम सत्य ,अटल हो
परंतु तुम्हे असमय
नही आने दूंगा ।
मैं जीवन गीत गाने लगा
उसके सामने ।

धैर्यशील येवले इंदौर