लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही इंडिया गठबंधन में फूट दिखने लगी है। एक तरफ जहां बिहार में नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हो गए, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर तीखा हमला हमला बोला है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा से मुकाबला करे । इतना ही नही उन्होनें कहा कि उन्हें संदेह है कि क्या सबसे पुरानी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में ’40 सीट भी’ हासिल कर पाएगी।
इस दौरान ममता बनर्जी ने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की भी आलोचना की,। उन्होंने यात्रा की तुलना करते हुए कहा कि राज्य में आए ‘प्रवासी पक्षियों’ के लिए ‘महज फोटो खींचने के अवसर’ से की। इतना ही नही टीएमसी के प्रमुख ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। कहा, ‘मैंने प्रस्ताव दिया कि कांग्रेस 300 सीट पर चुनाव लड़े (देश भर में जहां भाजपा मुख्य विपक्ष है), लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान देने से इनकार कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, उत्तरी बंगाल के छह जिलों, विशेष रूप से उत्तर दिनाजपुर, मालदा और मुर्शिदाबाद, जो महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक आबादी और पारंपरिक रूप से कांग्रेस के समर्थन के लिए जाने जाते हैं, से कांग्रेस की यात्रा ने बनर्जी के रुख को जन्म दिया होगा। बनर्जी ने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने की चुनौती दी।
बंगाल से गुजरने वाली यात्रा के बारे में बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें इसके बारे में सूचित नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘इंडिया गठबंधन के सहयोगी होने के बावजूद, उन्होंने मुझे सूचित नहीं किया। मुझे प्रशासनिक स्रोतों के माध्यम से पता चला। उन्होंने डेरेक ओ’ब्रायन को फोन करके अनुरोध किया था कि रैली को अनुमति दी जाए। फिर बंगाल क्यों आए?’
बतातें चलें विपक्ष ने कई दलों के साथ मिलकर एक गुट बनाया था । जहां ममता बनर्जी नीतीश कुमार सहित कई नेता शामिल थे। नीतीश कुमार और ममता बनर्जी इंडिया गुट के अग्रणी नेता थे। वही अब इन दलों का गुट से बाहर जाना विपक्ष के लिए बड़ा खतरा है। नीतीश के बाद ममता के तेवर ने यह साबित कर दिया है कि वो भी अब इंडिया गठबंधन छोड़ कर जाने वालीं हैं