Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में चल रहा सियासी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार यहां पर विधायकों के दल बदलने का सिलसिला चल रहा है. इसी बीच विधानसभा सचिवालय में महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी को बैठक के लिए बुलाया गया है. इस विशेष बैठक में 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग पर कानूनी राय लेते हुए विचार विमर्श किया जाएगा.
बता दें कि शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि शिवसेना के बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाए. अगर उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी तो वह फ्लोर टेस्ट में वोट नहीं दे पाएंगे.
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वहीं शिवसेना के बागियों को अयोग्य करार देने की जो अर्जी उद्धव ठाकरे की ओर से दायर की गई है. उसे एकनाथ शिंदे ने बेकार बताते हुए कहा है कि वह इस तरह की अर्जी दायर नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास विधायकों का समर्थन नहीं है.
वहीं इस मामले में शिंदे का कहना है कि उद्धव अल्पमत में चल रहे हैं, वह सिर्फ विधायकों को डराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह लोग नहीं डरने वाले. बता दें कि इस वक्त शिंदे का पलड़ा भारी होता जा रहा है. दिलीप लांडे भी गुवाहाटी पहुंच गए हैं जिससे शिवसेना के बागी विधायकों की संख्या 38 हो गई है इसके अलावा कई निर्दलीय विधायक भी गुवाहाटी में उनके साथ है.
वह इस मामले में डिप्टी स्पीकर की ओर से उद्धव की पार्टी को एक बड़ी राहत दे दी गई है. स्पीकर ने उद्धव की पार्टी के अजय चौधरी को विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी है. डिप्टी स्पीकर नरहरि ने यह फैसला लिया है वह एनसीपी से विधायक है.
डिप्टी स्पीकर का लिया गया यह फैसला शिंदे कैंप के लिए झटका देने वाला है. बता दें कि शिंदे की ओर से डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखते हुए यह कहा गया था कि संख्या बल के हिसाब से वह लोग मजबूत है और वह खुद विधायक दल के नेता है लेकिन डिप्टी स्पीकर ने शिंदे की बातों को अनसुना कर दिया.