महाराष्ट्र की रातनीति में एक बार फिर से बवाल शुरू हो गया है। हाल ही में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम के वक्तव्य में कहा कि “मुंबई देश की आर्थिक राजधानी नहीं रह जाएगी” इससे तीखी बहस का माहौल बना गया है। इस दिए हुए बयान से अलग-अलग पार्टी के नेता आलोचना कर रहे है। जिससें उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है।
कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली देवड़ा और उनके बेटे मिलिंद देवड़ा ने कहा कि, “मेरे पापा राजस्थान और मां कोल्हारपुर से थे। लेकिन फिर भी मुंबई वासियों ने उनका सम्मान किया है अब महाराष्ट्रीयन के रूप में पहचाने जाते है। यही विविधता ही इनकी सबसे बड़ी ताकत है, जब मुंबई भेदभाव नहीं करती तो, आप क्यों कर रहे हैं।”
महाराष्ट्र के नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे राज्यपाल के बयान के जवाब में कहा कि, “आपको महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है, तो बोलना बंद कीजिए। राज्यपाल एक मान और सम्मान का पद है। इसलिए आपके विरोध में बोलने से लोग कतराते हैं, इस दिए हुए बयान से राज्य की जनता आहत हुई है।
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महाराष्ट्र की जनता दूसरे राज्य के लोगों को अपने मन और जमीन दोनों में जगह दे रही है, तभी तो लोग यहां व्यवसाय करने के लिए आए और आते रहते हैं। दूसरी तरफ उन्हे कभी ऐसा माहौल मिलेगा क्या? बेवजह, चुनाव नजदीक है तो मुंह में जो आए और कोई कुछ कहे तो बोलना बंद कीजिए। आप यह क्यूं बोल रहे हैं, मराठी मानुष को गुस्सा मत दिलाइए, इतना मैं अभी आपको बता देता हूं।”
जवाब में ये कहा- अध्यक्ष नाना पटोले ने
महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले बोलें “उनको महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में कुछ भी पता नहीं है। भारत के उद्योगपति धीरूभाई अंबानी को महाराष्ट्र ने सफल बनाया है। राज्य में सबको मिलती है, चाहे वह दूसरे प्रदेश का हो। इसलिए देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्हें महाराष्ट्र वासियों से माफ़ी मांगनी चाहिए और अपना पद छोड़ देना चाहिए।”
उनके बयान पर शिवसेना प्रवक्त संजय ने किया पलटवार
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने उनके बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “महाराष्ट्र की जनता ने मुम्बईबज्व के लिए खून पसीना दिया है। हर चीज को पैसों से नहीं तौलना चाहिए। बीजेपी और सीएम इस तरह के वक्तव्य के लिए उनकी निंदा करें, और केंद्र सरकार उन्हें तुरंत वापस बुलाए।
वह लगातार विवादित बयान देते हैं। महाराष्ट्र और मराठी मानुस का अपमान करते हैं। लेकिन अब तक बीजेपी और सीएम चुप हैं, हमें देखना है वे इस मुद्दे पर क्या कहते हैं। राज्यपाल का बयान मुंबई के उन 105 लोगों, जिंन्होने इस शहर को महाराष्ट्र के साथ रखने के लिए अपनी जान दी, उन हुतात्माओं का अपमान है।”
ये बयान दिया राज्यपाल कोश्यारी ने
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी मुंबई के अंधेरी पश्चिम क्षेत्र में एक स्थानीय चौक का नाम शांतिदेवी चम्पालालजी कोठारी के नाम पर रखने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र से निकाल दिया जाए, खासकर मुंबई और ठाणे से, तो यहां पैसा नहीं बचेगा। तब मुंबई देश की आर्थिक राजधानी नहीं रह जाएगी।