अभी हाल ही में शिवसेना के द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए ) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू का समर्थन किया गया। जिसपर की कांग्रेस की ओर से विरोधात्मक प्रतिक्रिया आई है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thorat) ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के शिवसेना के फैसले पर दबे शब्दों में अपना विरोध जताया है।
Also Read-भूस्खलन से अवरुद्ध हुआ बद्रीनाथ मार्ग, महाराष्ट्र के वर्धा में टूटा बाँध
क्या कहा आखिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने शिवसेना के द्वारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए ) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू का समर्थन किए जाने पर कहा है कि शिवसेना एक स्वतंत्र राजनैतिक दल है, इसलिए वो अपने फैसले स्वतंत्र रूप से ले सकती है. हालांकि, जब बगावती रास्ता अपनाकर राज्य सरकार को गिराया गया और शिवसेना के अस्तित्व को चुनौती दी गई, उसके बाद ऐसा फैसला, समझ से बाहर है। शिवसेना महाविकास अघाड़ी का हिस्सा है, लेकिन उन्होंने यह फैसला लेते समय महाविकास अघाड़ी गठबंधन से कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा की लोकतंत्र की गरिमा के निर्वहन के लिए यशवंत सिन्हा का नाम राष्ट्रपति पद के लिए शिवसेना के द्वारा लिया जाना चाहिए था। ऐसे में महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस के गठंधन महाविकास अगाडी के अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है।
विधायकों की बगावत के बाद, निगम के पार्षद और कई सांसदों ने भी छोड़ा उद्धव का साथ
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के कई विधायक उद्धव ठाकरे सरकार से बगावत कर गए। जिसके बाद उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देकर अपनी सरकार गंवानी पड़ गई। बगावती विधायकों के समर्थन और बीजेपी के सहयोग से एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बने और शिवसेना के अस्तित्व पर भी एक प्रश्न चिन्ह उनके द्वारा लगा दिया गया। उद्धव ठाकरे पर आघात का सिलसिला यहां से और तेज हो गया जिसके बाद मुंबई और ठाणे जिले सहित कई निगमों के शिवसेना के पार्षदों के द्वारा भी एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन सौंप दिया गया। इसके साथ ही शिवसेना के कुछ सांसदों ने भी उद्धव ठाकरे का दामन छोड़ कर एकनाथ शिंदे और बीजेपी की शरण ले ली।