दुनिया भर में प्रसिद्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को मध्य प्रदेश की पुलिस ने एक नोटिस भेजा है. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 79 के प्रावधान के अंतर्गत नियम 2011 के साथ गैरकानूनी सामग्री को हटाने और मामले की जांच के सबूत प्रदान करने के लिए ये नोटिस भेजा गया है.
नोटिस में यह कहा गया है कि आईपीसी की धारा 295A के अनुसार आपकी वेबसाइट पर जो सामग्री डाली गई है उसके लिए 110/2022 के अंतर्गत एफ आई आर दर्ज की गई है जो जांच के अधीन चल रही है. उक्त सामग्री गैरकानूनी है और सूचना की धारा 79(2)(सी) और (3)(बी) के प्रावधान के तहत इस आपत्तिजनक सामग्री को डालने के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है.
आगे नोटिस में यह कहा गया है कि इस सामग्री को 36 घंटे की अवधि के अंदर किसी भी सबूत को खराब किए बिना हटा दिया जाए. इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2011 के नियम 3(7) के अनुसार और अपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 91 के तहत कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए भी नोटिस में निर्देश दिए गए हैं.
जांच और अभियोजन के लिए आईपी लॉग आवश्यक है. वहीं धारा 79 आईटी अधिनियम 2000 के प्रावधान के तहत पूर्व में जारी निर्देशों का पालन करने में विफलता के चलते प्राथमिकी में दर्ज अपराध या साजिश करने के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है. नोटिस में यह जानकारी भी दी गई है कि निर्देशों का पालन करने में विफलता भारतीय दंड संहिता की धारा 17 के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध में आता है इसीलिए निर्धारित अवधि के भीतर नोटिस का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए और सूचना कार्यालय को भेजी जाए.