देश के वरिष्ठ कवि गीतकार डॉ. कुँवर बेचैन का आज नोएडा के कैलाश हॉस्पिटल में कोरोना से निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गई है।
वे मूल रूप से मुरादाबाद के उमरी गाँव के थे। “बेचैन” उनका तखल्लुस है। उनका असली नाम डॉ. कुँवर बहादुर सक्सेना है। उनकी शिक्षा चंदौसी में हुई। वे गाजियाबाद के एम एम एच महाविद्यालय में हिंदी विभागाध्यक्ष रहे।
आज के दौर में आपका नाम सबसे बड़े गीतकारों और शायरों में शुमार किया जाता था। उनके निधन को साहित्य जगत की एक बडी छति माना जा रहा है। व्यवहार से सहज, वाणी से मृदु इस रचानाकार को सुनना-पढ़ना अपने आप में अनोखा अनुभव है। उनकी रचनाएं सकारात्मकता से ओत-प्रोत हैं।