नहीं रहे लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह, पुलवामा में साथी को बचाने के लिए खाई थी गोली, 8 साल से कोमा में थे

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Karamveer Singh Natt: हमारी भारतीय सेना को यूं ही नहीं दुनिया की सबसे बहादुर सेना में शामिल किया गया है। आज हम आपको जिस फौजी के बारे में हम बताने जा रहे हैं उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने साथियों की जान बचाई है और खुद गोली खाई। बता दें आतंकियों के साथ मुठभेड़ में वो फौजी हो गए थे। जी हां उस बहादुर फौजी का नाम लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह नत्त है, जिसने अब इस दुनिया को अलविदा कह दिया है।

जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ में हुए थे घायल

लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर करीब 8 साल तक मौत से जंग लड़ते हुए उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें ये घटना करीब 8 साल पहले की है। करमवीर सिंह की की ड्यूटी जम्मू-कश्मीर में थी। एक टिप मिलने के बाद वो जवानों के साथ आतंकियों से लोहा लेने के लिए निकल पड़े थे। जानकारी के मुताबिक आपको बता दें आतंकियों और सेना के जवानों के बीच काफी जबरदस्त मुठभेड़ हो रही थी। उसी दौरान आतंकियों ने एक जवान को निशाना बनाते हुए गोलीबारी कर दी , जिसमे क्रमवीर सिंह ने आतंकियों की गोली से बचाने के लिए उस जवान को धक्का दे दिया, लेकिन वो गोली उनके जबड़े में जा कर फंस गई थी।

8 साल से कोमा में थे

बता दें करमवीर सिंह को तुरंत मुठभेड़ वाली जगह से निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया गया, उनका कुछ दिनों तक इलाज भी चला, लेकिन वो कोमा में चले गए, जबड़े में गोली लगने से उनकी ब्रेन के न्यूरान्स पर असर काफी पड़ा था। जिसके कारण वो कभी बिस्तर पर लेटते थे तो उनकी जीभ पीछे की तरफ चली जाती थी। इसके अलावा खाने पीने के लिए उन्हें सिर्फ तरल पदार्थ यानी पाइप के जरिए उनको जूस या सूप दिया जाता था।