लखनऊ। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मारे गए 5 किसानों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुआवजे दिया गया है। जिस पर अब किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने तीखे तेवर दिखते हुए कहा कि जरुरत पड़ी तो हम सरकार के 2.5 करोड़ रुपये को वापस कर देंगे। यह भी कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मंत्री बर्खास्त नहीं होगा और मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं होगी। साथ ही कृषि कानूनों को खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर कहा कि अभी सारे सवाल ही बरकरार हैं जो समझौता वहां पर हुआ वह दाह संस्कार तक ही सीमित था।
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राकेश टिकैत ने कहा कि हमें आंदोलन करना है. पूरे देश को करना है और उसके लिए हम स्वतंत्र हैं, लेकिन किसी की बॉडी को रोक लेना वह एक लिमिट तक ही ठीक था। उन्होंने कहा कि, ‘मीडिया में जो लोग अंगुली उठा रहे हैं, मैं उनसे भी कहना चाहता हूं कि वहां पर 10 हजार लोग थे और यह फैसला हमारा अकेले का नहीं था। सभी का था और जो उन्होंने गिरफ्तारी के लिए 8 दिन समय मांगा वह हमने दिया।’
टिकैत ने आगाह करते हुए कहा कि हमने उन्हें 12 तारीख तक का समय दिया है और 12 तारीख को पूरा देश अगला निर्णय देखेगा। केंद्रीय मंत्री की बर्खास्तगी के बारे में राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा समझौता गिरफ्तारी को लेकर है। मंत्री की बर्खास्तगी पर है पैसों पर नहीं. कल किसी मंत्री ने बयान दिया है कि समझौता हो गया तो पैसे पर समझौता नहीं हुआ।
साथ ही सरकार की ओर से दिए गए मुआवजे के बारे में उन्हींने कहा कि हम सरकार के पैसे जो ढाई करोड़ रुपये पांचों किसानों को दिया है। हम उन्हें वापस कर देंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने ही 8 दिनों का समय मांगा था और उन्होंने कहा था कि अंतिम संस्कार हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि देश के लोग इतने कमजोर हैं कि बॉडी को रख कर हम प्रशासन से कोई मांग बनवाएं। अब संपूर्ण रूप से खुला मैदान है। हम आंदोलन को संघर्ष से समाधान तक ले जाना चाहते हैं और आज भी सरकारों से बात कर रहे हैं. हम आंदोलन को संघर्ष से समाधान निकालने के लिए कर रहे हैं।