बिना मंजूरी उड़ाए करोड़ों, PHE इंजीनियर के खिलाफ जांच शुरू, बिना स्वीकृति के ही कर दिया 14.79 करोड़ का पेमेंट

मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के राजधानी परियोजना खंड-2, भोपाल में कार्यपालन यंत्री बृजराज सेंगर ने 2024-25 में बिना तकनीकी स्वीकृति के 14.79 करोड़ रुपये का भुगतान किया। अधीक्षण यंत्री सुनील कुमार चतुर्वेदी ने इसकी शिकायत की है और आरोप लगाया कि इसके कारण संभावित घोटाला हो सकता है।

Abhishek Singh
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मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग की राजधानी परियोजना खंड-2, भोपाल में एक गंभीर वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान कार्यपालन यंत्री बृजराज सेंगर ने सीवेज मेंटेनेंस के कार्यों के लिए बिना आवश्यक तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किए 14.79 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। जबकि नियमानुसार, किसी भी भुगतान से पूर्व सक्षम अधिकारी से तकनीकी मंजूरी लेना अनिवार्य होता है।

इस मामले की शिकायत विभाग के अधीक्षण यंत्री सुनील कुमार चतुर्वेदी ने प्रमुख अभियंता से की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछले पांच वर्षों के कार्यों की तकनीकी स्वीकृति से संबंधित दस्तावेज मांगे गए थे, लेकिन 2024-25 के सीवेज मेंटेनेंस कार्यों की कोई जानकारी या स्वीकृति प्रस्तुत नहीं की गई। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि उक्त कार्यों की कोई तकनीकी मंजूरी नहीं ली गई थी, जिससे संभावित घोटाले की आशंका गहराई है। अधीक्षण यंत्री ने मांग की है कि इस मामले की जांच कर बृजराज सेंगर को उनके पद से हटाया जाए।

शिकायत की मुख्य बातें

मुख्य अभियंता को भेजी गई शिकायत में उल्लेख किया गया है कि कार्यपालन यंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में सक्षम अधिकारी की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त किए बिना ही 14.79 लाख रुपये का व्यय कर दिया गया। यह कार्रवाई विभागीय नियमावली के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है और गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आती है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान संबंधित अधिकारी द्वारा लगातार लापरवाही बरती गई। उन्होंने न तो भुगतान से पहले स्वीकृति की जांच की और न ही तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने की दिशा में कोई प्रयास किया।

आधिकारिक जांच जारी है

PHE के मुख्य अभियंता आरके हिरोड़िया ने जानकारी दी कि हमें इस संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई है, और हम इसकी जांच कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद ही हम यह बता पाएंगे कि आगे की कार्रवाई क्या होगी। यदि जांच में कोई गड़बड़ी सामने आती है, तो सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस मामले में बृजराज सेंगर से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने न तो फोन रिसीव किया और न ही संदेश का कोई जवाब दिया।

समझें क्या हैं सही नियम

कार्य विभाग के मैन्युअल की धारा 2004, 2005 और 2006 के तहत, कार्यपालन यंत्री यह सुनिश्चित करते हैं कि भुगतान से पहले संबंधित कार्य की तकनीकी और प्रशासकीय स्वीकृति सक्षम अधिकारी द्वारा दी गई हो। हालांकि, बृजराज सेंगर ने बिना स्वीकृति प्राप्त किए ही भुगतान कर दिया, जो कि नियमों का उल्लंघन है।

नियमों की अवहेलना

अधीक्षण यंत्री सुनील कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि राजधानी परियोजना भोपाल खंड 2 में तैनात प्रभारी कार्यपालक यंत्री बृजराज सेंगर ने 2024-25 के लिए सीवेज मेंटेनेंस कार्य की तकनीकी स्वीकृति नहीं ली है। इस कारण हमने प्रमुख अभियंता को एक पत्र भेजकर इनकी जांच करने और निलंबन की सिफारिश की है, क्योंकि इन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है।