कीर्ति राणा
लाड़ली बहना योजना में प्रदेश की चयनित महिलाओं के खाते में एक हजार तो आने ही लगे हैं।अब यह राशि निरंतर बढ़ते जाना है। कमलनाथ ने कांग्रेस सरकार आने पर नारी सम्मान योजना में जो 1500 रु देने की घोषणा कर रखी है उस पर तो सरकार की यह पहल भारी पड़ती दिख रही है। यही नहीं अब शिवराज सरकार के रणनीतिकारों ने लाभार्थी बहनों की लाड़ली सेना बनाने की चाल चल कर विरोधी दल का तनाव और बढ़ा दिया है।
लाड़ली सेना में भर्ती होने के लिए भले ही अलग से कुछ ना मिले लेकिन हर महीने खाते में जो राशि आने लगी है वो कम है क्या।
पहले नाराज चल रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी अपना मानदेय 10 से बढ़ा कर 13 हजार कर देने से खुश हो गई हैं।ये आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ही गांव-गांव लाड़ली सेना की समन्वयक रहेंगी। लाड़ली सेना को कोई आठ घंटे तो ड्यूटी देना नहीं है। 23 से 60 साल की उम्र वाली लाड़ली बहनों में से 1500 की आबादी वाले गांव से 11 को और इससे अधिक आबादी वाले गांवों में 21 की लाड़ली सेना तैयार होगी।चुनाव प्रचार से लेकर मतदान कराने तक में लाड़ली सेना खुशी-खुशी सहयोग तो करेंगी ही।
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नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे…
कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध की घोषणा से बवाल मचा था। अब प्रदेश सरकार के इस पत्र से बहस छिड़ सकती है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियों में शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों के भाग लेने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।2006 का यह आदेश सोशल मीडिया पर दौड़ रहा है। दरअसल तत्कालीन दिग्विजय सरकार ने सत्ता सम्हालते ही शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों के संघ की शाखा सहित अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कांग्रेस ने यह पुराना आदेश वायरल किया तो भोपाल में जीएडी का अमला सक्रिय हुआ और फटाफट 2006 का नया आदेश ढूंढा गया । विभाग द्वारा 2006 में प्रदेश से दिग्विजय सिंह सरकार की बिदाई के बाद नया आदेश जांरी करके 2003 में जांरी किये गए प्रतिबंध आदेश पर रोक लगा दी थी। अगर कोई सरकारी सेवक संघ के कार्यकलापों में हिस्सा लेता है तो उसके खिलाफ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कोई कार्यवाही नहीं हो सकतीं.
कांग्रेस है तो ये होगा ही
भाजपा में अनुशासन के डंडे का तो फिर भी भय रहता है लेकिन कांग्रेस में उलटा है। इसी वजह से कांग्रेस में मारपीट, आरोप, पुतला दहन जैसी घटनाएं आम हैं।दिग्विजय सिंह समर्थकों ने आष्टा में जिले के प्रभारी सज्जन वर्मा का पुतला दहन से कांग्रेस में असंतोष की आग का पूजन कर दिया था।इसके बाद खंडवा में तो प्रभारी संजीव दत्ता के सामने ही जिला इकाई के कार्यकर्ता में कुर्सी वॉर हो गया।इससे पहले पहले बैरसिया में कार्यकर्ताओं की बैठक में भी लात-घूंसे चल चुके हैं।
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*बबलू भैया बहुत हुआ, अब रहने दो….! *
पांच प्रत्याशियों को हरा कर सपा के राजेश कुमार (बबलू भैया) ने जीत हांसिल की थी। पहले वे कांग्रेस और भाजपा की सरकार बनने पर भाजपा में शामिल हो गए थे, अब उनकी हालत खराब है। पार्टी व अन्य तमाम सर्वे में यह सीट भाजपा के हाथ से निकलती जा रही है। इसीलिए उलटफेर की संभावनाओं को देखते हुए भाजपा हाईकमान ने बड़ामलहरा की पूर्व विधायक श्रीमती रेखा यादव को बिजावर विधानसभा क्षेत्र से तैयारी करने के आदेश दिए। गौरतलब है कि रेखा यादव स्वयं बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधानसभा से विधायक रह चुकी हैं तथा वह बिजावर की ही रहने वाली हैं और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी बिजावर में ही स्थापित हैं l पूर्व विधायक स्व. उमा यादव बिजावर की ही रहने वाली थी और उनकी यह सगी भाभी हैं।