मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहे श्रमिक के पुत्र बिट्टू कुशवाहा ने अपनी मेहनत और लगन से पूरे जिले के नाम रोशन किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना ने श्रमिक परिवारों के सपनों को नई दिशा दी है। बिट्टू कुशवाहा ने कक्षा 10 वीं के परीक्षा में राज्य में टॉप 10 में अपनी जगह बनाई तथा नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत बिट्टू कुशवाहा लाभान्वित हुआ।
बिट्टू कुशवाहा को मिला नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड कुसमी के ग्राम नवाडीह निवासी श्री कमलेश कुशवाहा जो श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिक है, जो अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगातार प्रयासरत रहा। अपनी सीमित आय और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने बेटे की शिक्षा में कभी कमी नहीं आने दी। परिणामस्वरूप बिट्टू कुशवाहा ने अपनी मेहनत ओर लगन से कक्षा 10 वीं की परीक्षा में राज्य में टॉप 10 (मेरिट) में अपनी जगह बनाई तथा नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत बिट्टू कुशवाहा लाभान्वित हुआ। उन्हें कुल 2 लाख रुपये की शैक्षणिक सहायता राशि प्रदान की गई। जिसमें 1 लाख रुपये वाहन के लिए एवं 1 लाख रुपये शिक्षा सहायता राशि दी गई। इस आर्थिक सहयोग से बिट्टू उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने सपनों को साकार कर सकेगा।
श्रमिक परिवार के बच्चों का भविष्य सुरक्षित रखने अनेक योजनाएं
बिट्टू ने बताया कि मेरे पिता ने हमेशा मेहनत करना सिखाया है और वे कहते हं कि निरंतर कोशिश करने वालों को कभी निराशा नहीं होना चाहिए। बिट्टू कहता है कि मेहनत करना पिता से सीखा तो वहीं सपनों को पूरा करने का उम्मीद शासन की योजनाओं से संभव हो रहा हैं। वह बताता है कि वाहन के लिए प्राप्त राशि से उसने स्कूटी खरीदा और आगे नीट की तैयारी कर रहा है, ताकि चिकित्सक बनकर क्षेत्र में जाकर अपनी सेवाएं दे सके। बिट्टू के पिता श्री कमलेश कुशवाहा भावुक होकर कहते हैं कि पहले लगता था बच्चों की पढ़ाई महंगी है अब शासन की मदद से हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री की श्रमिक परिवारों के लिए संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं से श्रमिक परिवारों को आर्थिक लाभ पहुँचाया जा रहा है। इन्हीं योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना। इस योजना का उद्देश्य श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को उच्च शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करना और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है।