20 मई, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी बगलामुखी जयंती। इस दिन मां बगलामुखी की पूजा अर्चना भक्त करते है साथ ही मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त उपवास भी करते है। आपको बता दे, मां बगलामुखी को 10 विद्याओं में से आठवीं महाविद्या माना जाता है। ऐसे में हर साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां बगलामुखी की जयंती मनाई जाती है। हालांकि इस बार ये 20 मई को मनाई जाएगी लेकिन ऐसे में लॉकडाउन होने की वजह से सभी भक्त अपने घर में ही रह कर इस जयंती को मनाएंगे। ऐसे में ये सलाह भी दी गई है कि घर पर ही पूजा करें और मंदिर ना जाए।
मान्यताओं के अनुसार, मां को पीला रंग अति प्रिय है। ऐसे में पूजा में उन्हें पीले रंग के फूल, पीले रंग का चन्दन और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। कहा जाता है कि मां बगलामुखी की पूजा करने से जातक की सभी बाधाओं और संकटों का नाश होता है और इसके साथ ही शत्रु पराजित होते हैं। मां का एक अन्य नाम देवी पीताम्बरा भी है। आज हम आपको बगलामुखी जयंती का शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि बताने जा रहे है तो चलिए जानते है।
शुभ मुहूर्त –
20 मई (11 बजकर 50 मिनट 24 सेकंड से 12 बजकर 45 मिनट 02 सेकंड तक)
पूजन विधि –
बगलामुखी जयंती के दिन जातक सुबह नित्य कर्म और स्नानकरने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें और पूजा अर्चना करें। साथ ही मां बगलामुखी की पूजा करते वक्त इस बात का ख्याल रहें कि मुंह पूर्व दिशा की तरफ हो। दरअसल, मां बगलामुखी को पीला रंग अति प्रिय है। ऐसे में चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं, मां को पीले फूल अर्पित करें और पीले फल का भी भोग भी लगाएं।पूजा के बाद मां मां बगलामुखी की आरती और चालीसा पढ़ें। साथ ही इसके बाद आप अपनी क्षमता के अनुसार ऑनलाइन माध्यम से दान कर सकते हैं। शाम के समय मां मां बगलामुखी की कथा का पाठ करें। मां बगलामुखी जयंती पर व्रत करने वाले जातक शाम के समय फल खा सकते हैं।