भोपाल। “आप सभी के सामने आज हमारे प्रदेश की तस्वीर है, आज प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है, यदि युवाओं का भविष्य ही अंधकार में होगा तो प्रदेश का भविष्य कैसे सुरक्षित होगा, यह आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती व चिंता का विषय है उक्त संबोधन आज प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने(Kamal Nath’s concern) “निशुल्क विधि शिक्षा मार्गदर्शन संस्थान” की द्वितीय वार्षिक वर्षगांठ के अवसर पर अपने निवास पर आयोजित कार्यक्रम में दिया।
उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक कौशल डेहरिया की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने बल पर इस प्रयास को अमल में लाया है, यह उनकी सोच थी।
आज हमारे सामने बड़ा प्रश्न है कि आपका भविष्य कैसे सुरक्षित रहे क्योंकि आप सभी मिलकर ही तो मध्य प्रदेश का नवनिर्माण करेंगे।
हम कैसे संविधान की रक्षा करें ,कैसे अपनी संस्कृति की रक्षा करें। देश की संस्कृति और कांग्रेस की संस्कृति एक है, जो देश को जोड़ने का काम करती है। हमारी संस्कृति सभी को जोड़ने का काम करती है, हर समाज ,हर धर्म ,हर जाति ,हर भाषा को जोड़ने का काम करती है। विश्व में से कोई देश नहीं है जहाँ इतने धर्म ,इतनी अनेकता में एकता ,इतनी जातियां ,इतने धार्मिक पर्व-त्यौहार है।
आज हमें इस संस्कृति की रक्षा करना है, हमें उनसे मुक़ाबला करना है जो हमारी संस्कृति पर आक्रमण कर रहे हैं, जो इस संस्कृति के विपरीत जा रहे हैं। बाबासाहेब अंबेडकर के बनाये हुए सविधान को विश्व के कई देशों ने अपनाया ,उसकी सराहना की लेकिन यदि अच्छा संविधान गलत हाथों में चला जाए तो क्या होगा, यह आज हमारे सामने विचारणीय प्रश्न है।
आपको अपने प्रोफेशन के बारे में भी सोचना है,आपको आत्मचिंतन भी करना है कि हमारे देश की महानता क्या है।
आज हमारी जो अध्यात्मिक शक्ति है वही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है ,उससे नई पीढ़ी को जोड़ना होगा। हमारे सामने प्रदेश की तस्वीर भी है, आज बेरोजगारी चरम पर है , यदि युवाओं का भविष्य अंधकार में होगा तो प्रदेश का भविष्य कैसा होगा ,यह आज सबसे बड़ी चुनौती व चिंता का विषय है।
रोजगार तब मिलता है ,जब अपनी योजनाओं का लाभ मिले, यदि योजनाओं में भ्रष्टाचार होगा तो रोजगार नहीं मिल सकता। प्रदेश में निवेश आए ,तभी रोजगार का लाभ मिलता है ,उससे आर्थिक गतिविधि बढ़ती है।
आज ज्ञान और जागरूकता दोनो अहम है। आज से 20 वर्ष पहले जब इंटरनेट नहीं था तो ज्ञान प्राप्त करने के लिए लोगों को भटकना पड़ता था, आज ज्ञान बड़ी आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। वैसे भी ज्ञान प्राप्त करने की कोई उम्र या सीमा नहीं होती है। आज शिक्षा के साथ ज्ञान प्राप्त करना बेहद आवश्यक है ,इसी ज्ञान के माध्यम से हम प्रदेश व देश की तस्वीर और वास्तविकता को जान सकेंगे।
मैं इस अवसर पर आप सभी को दूसरी वर्षगांठ पर शुभकामनाएं देता हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी देश को , प्रदेश को और आगे ले जायेंगे। इस अवसर पर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी उपस्थित थे।