मुंबई : भारतीय क्रिकेट टीम के विकेट कीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा(Wriddhiman Saha) की शिकायत पर खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार पर दो साल का प्रतिबन्ध लगाया गया है। बीसीसीआई समिति ने बोरिया को साहा को एक इंटरव्यू को लेकर डराने-धमकाने का दोषी पाया है। साहा की शिकायत के बाद जांच कमिटी ने माना कि मजूमदार ने इंटरव्यू के लिए फ़ोन न करने पर साहा को तीखे मैसेज किये। कमिटी ने इन मैसेज को धमकाने वाले माना। मामले में रवि शास्त्री और वीरेंदर सहवाग सहित कई क्रिकेटर साहा के पक्ष में रहे।
इस प्रतिबन्ध की मायने ये हैं कि अगले दो सालों तक मजूमदार बीसीसीआई या बीसीसीआई से जुड़े किसी भी स्टेडियम के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएंगे। उनको मीडिया मान्यता कार्ड को भी निरस्त किया जाएगा। दो वर्ष तक नया कार्ड भी नहीं बनेगा। इसके अलावा साहा बोर्ड से सम्बद्ध किसी भी खिलाडी का इंटरव्यू भी नहीं कर सकेंगे। समिति ने बीसीसीआई को भेजे आधिकारिक मेल में कहा, “जैसा कि आप सबको पता है कि ऋद्धिमान साहा ने एक पत्रकार के भेजे मैजेस का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया है जहां उन्हें उस पत्रकार के बर्ताव की वजह से धमकी देने का आभास हुआ।
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बोर्ड ने मामले की समीक्षा की और ये समझा कि भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने के लिए जरूरी जांच की। बीसीसीआई ने उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल और शीर्ष परिषद के सदस्य प्रभातेज सिंह भाटिया वाली समिति का गठन किया. बीसीसीआई समिति ने पाया कि पत्रकार द्वारा भेजे गए मैसेज धमकी भरे थे। बोर्ड ने साहा और मजूमदार दोनों के तरीकों को जांचा और पाया कि मजूमदार की हरकत वास्तव में धमकाने और डराने वाले स्वभाव की थी। बीसीसीआई की एपेक्स काउंसिल ने बोर्ड समिति द्वारा भेजे गए इन सुझावों के साथ सहमति जताई है।
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साहा ने उठाया था सवाल कहाँ गई पत्रकारिता ?
मामले की शुरुआत साल की शुरुआत में 19 फरवरी को हुई थी जब बंगाल के विकेटकीपर बल्लेबाज साहा ने ट्वीट किया था- भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद… मुझे एक सम्मानित पत्रकार की ओर से ये सब सहना पढ़ रहा है! पत्रकारिता कहां चली गई है। साहा ने नाम छुपाकर अपनी चैट के स्क्रीनशॉट भी साझा किए। मैसेज में साहा से कहा गया, “तुमने फोन नहीं किया. मैं फिर कभी आपका इंटरव्यू नहीं करूंगा। मैं अपमान को सहजता से नहीं लेता,मुझे ये याद रहेगा। मामले के सोशल मीडिया पर फैसले के बाद बीसीसीआई ने साहा से संपर्क किया और आधिकारिक शिकायत दर्ज करवाई।