पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का बीते दिनों दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था. वे कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे और इस दौरान उनके दिल का ऑपरेशन भी हुआ था. हालांकि उन्हें बचाया नहीं जा सका. उनके निधन के बाद देश में शोक की लहर पड़ी थी. वे देश के बड़े दलित नेता माने जाते थे. उनके निधन के बाद देशभर ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की हालांकि अब उनकी मौत सियासी घमासान मचता हुआ नज़र आ रहा है. बिहार के पूर्व सीएम जीतन रताम मांझी की पार्टी ‘हम’ ने इस संबंध में पीएम मोदी के नाम एक चिट्ठी लिखकर उनकी मौत के सिलसिले में न्यायिक जांच की मांग की है.
जीतन राम मांझी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकजनशक्ति पार्टी के नेता जीतन राम मांझी की मौत पर सवाल खड़े करते हुए न्यायिक जांच की पीएम मोदी से गुहार लगाई है. उनकी पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) ने पीएम मोदी को चिट्ठी में लिखा है कि, आखिर क्यों अस्पताल द्वारा रामविलास पासवान का हेल्थ बुलेटिन जारी नहीं किया गया. इस दौरान हम ने रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को भी कटघरे में लाने की बता कही. चिट्ठी में लिखा गया है कि रामविलास पासवान के निधन के अगले ही दिन चिराग एक वीडियो शूट के दौरान हंसते हुए पाए गए. यह कैसे हो सकता है.
चिट्ठी में आगे लिखा है कि, किसके कहने पर अस्पताल में केवल रामविलास पासवान से महज तीन लोगों को ही मिलने की अनुमति मिली थी. हमने आगे माना कि और भी कई तरह की बातें है जिनके बारे में पासवान के परिवार के साथ ही उनके प्रशंसक भी जानना चाहते हैं और इस मामले की जांच होनी चाहिए.
चिराग ने बोला मांझी पर हमला…
इस मामले पर दूसरी ओर चिराग पासवान का भी बयान सामने आ गया है. जहां उन्होंने भड़कते हुए कहा है कि जीतन राम मांझी को शर्म आनी चाहिए. मेरे पिता जब अस्पताल में भर्ती थे तो पापा की तबीयत के बारे में मैंने जीतन राम मांझी को जानकारी दी थी, लेकिन इसके बावजूद वे पापा को देखने के लिए अस्पताल नहीं आए. आज मांझी पिता को लेकर ऐसी बातें कर रहे हैं, उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए. चिराग ने आगे कहा कि, पापा अजब जीवित थे तो कोई मिलने नहीं आया और आज जब वे नहीं है तो अब उन पर राजनीति हो रही है.