नज़रबंदी से रिहा होने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती लगातार अपनी सक्रियता और बयानों को लेकर चर्चा में हैं. हाल ही में जब वे नज़रबंदी से रहा हुई तो उनसे मिलने के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला उनके निवास पर पहुंचे थे, वहीं अगले ही दिन अब्दुल्ला के घर पे गुपकार समझौते को लेकर एक मीटिंग राखी गयी थी. इस मीटिंग में कई दलों के नेताओं के साथ पीडीपी प्रमुख और प्रदेश की पूर्व सीएम महबूबा ने भी हिस्सा लिया था.
महबूबा मुफ़्ती अब एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं. महबूबा ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि, वे वास्तविक मुद्दे पर बात करना पसंद नहीं करते हैं. आज जब बिहार में विधानसभा चुनाव है तो वोट बैंक के लिए पीएम अनुच्छेद 370 का सहारा लें रहे हैं. वहीं जब वे चीजों पर सफल नहीं हो पाते हैं तो वे इस स्थिति में कश्मीर और 370 जैसे मुद्दों को छेड़ते हैं. महबूबा ने आगे अपने तेवर तीख़े रखते हुए कहा कि, जब तक मोदी सरकार हमारे हक (370) को वापस नहीं करती, तब तक मुझे कोई भी चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं है.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश की पूर्व मुख़्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती अगस्त 2019 से नजरबंद थी. कुछ दिनों पहले ही उन्हें रिहा किया गया है. 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त कर दिया था, इसके बाद से ही मुफ़्ती नजरबंद थी. हालांकि अब जब मुफ़्ती रिहा हो गई है तो वे और फ़ारूक़ अब्दुल्ला सहित कई अन्य दल और नेता अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहे हैं.