Jammu & Kashmir: J&K को राज्य का दर्जा मिलना कितना मुश्किल ? उमर अब्दुल्ला क्या कर सकते हैं और क्या नहीं

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Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर की जनता ने अपनी नई सरकार का चुनाव कर लिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, जो पहले भी जनवरी 2009 से जनवरी 2015 तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं, अब केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहले मुख्यमंत्री बने हैं। उनकी पार्टी ने चुनाव में धारा 370 और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था।

पूर्ण राज्य का दर्जा: क्या है और कैसे मिलता है?

पूर्ण राज्य का दर्जा एक प्रशासनिक इकाई को दिया जाता है, जिसमें अपनी स्वयं की विधानसभा, सरकार और संवैधानिक अधिकार होते हैं। यह केंद्र सरकार के अधीन रहते हुए भी क्षेत्र को स्वायत्तता प्रदान करता है। किसी क्षेत्र को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें होती हैं:

भौगोलिक स्वरूप एकरूप होना चाहिए।
सामाजिक-आर्थिक विकास एक निश्चित स्तर पर होना चाहिए।
जनसंख्या पर्याप्त होनी चाहिए।
वित्तीय स्थिति मजबूत होनी चाहिए।
क्षेत्र के लोगों का पूर्ण राज्य बनने के पक्ष में होना आवश्यक है।
क्या जम्मू-कश्मीर को मिल सकता है पूर्ण राज्य का दर्जा?
2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून के तहत इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। यदि इसे पूर्ण राज्य बनाना है, तो इस कानून में संशोधन आवश्यक होगा, और यह केवल संसद में ही संभव है।

उमर अब्दुल्ला की पहली कैबिनेट मीटिंग

यदि उमर अब्दुल्ला अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रस्ताव पास करते हैं, तो यह केंद्र पर दबाव बनाने का एक प्रयास होगा। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। अंतिम निर्णय केंद्र सरकार पर निर्भर करेगा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए या नहीं।