Jain Diksha : आज इंदौर (Indore) के महावीर बैग (Mahavir bag) में दीक्षा समारोह था। जिसमें इंदौर के जानकी नगर में रहने वाली उच्च शिक्षित कारोबारी 27 साल की कृति कोठरी ने दीक्षा लेकर साध्वी का वेश धारण किया। इस दौरान उन्हें गच्छाधिपति जिनमणिप्रभ सूरीश्वर महाराज ने संयम का उपकरण पिच्छी कमंडल दिया। इसके साथ ही कृति कोठरी जिन्होंने दीक्षा ली है उनकी बुआ चंद्रकला सुराणा ने साधु जीवन के लिए उन्हें नया नाम दिया। उन्होंने नाम दिया कृतार्थप्रभा श्रीजी महारसाब। बता दे, दीक्षा के इस खास अवसर पर साक्षी बनने के लिए देशभर से समाजजन महावीर बाग में आज आए।
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जानकारी के मुताबिक, आज सुबह 8.36 बजे से ही शिक्षा मोहत्सव की शुरुआत हुई। ऐसे में कृति कोठरी ने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी। उन्होंने प्रवेश सांसारिक जीवन के प्रयोग में आने वाली चीज़ों को लुटाने के साथ अपने दीक्षा मोहत्सव की शुरुआत की। बता दे, उन्होंने वस्र, रुपये, आभूषण, सिक्के लुटाते हुए प्रवेश किया। इसके बाद ही उन्हें महारसाब जी द्वारा उन्हें पिच्छी कमंड दिया गया। उसके बाद वह कक्ष में गई। वहीं उनका मुंडन किया गया और उन्होंने साधु वेश धारणकर किया। जिसके बाद जय जिनेन्द्र के जयघोष के बीच रेम्प पर चलते हुए मंच पर पहुंची।
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बताया जा रहा है कि उनके दीक्षा लेने के बाद उनके धर्म माता-पिता बनने की बोली लगाई गई जिसके बाद ये बोली मनोज अनिता ओसवाल ने ली। ऐसे में 4 साध्वी ने प्रतीकात्मक केशलोचन कर 7 बाल निकालकर सांसारिक माता की झोली में डाले। अब मां के पास बेटी के निशानी के रूप में सिर्फ उनके बाल है। दीक्षार्थी का नया नाम मिलने के बाद साध्वी सूर्यप्रभाश्रीजी की 21वीं शिष्या बनीं है। दीक्षा के बाद साध्वी ने महावीर बाग़ में अपना पहला विहार किया।